दिवंगत अभिनेता ओम पुरी भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके दमदार किरदार आज भी लोगों को याद हैं। उन्होंने न केवल कमर्शियल फिल्म, बल्कि आर्ट फिल्मों में भी काम किया था। शुरुआती दिनों में ओम पुरी ने इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए ऐसी फिल्मों में काम किया, जिन्हें बी ग्रेड माना गया। ओम पुरी ने अपने करियर की शुरुआत साल 1976 में आई मराठी फिल्म ‘घशीराम कोतवाल’ से की थी। लेकिन जब उनका पैर फिल्म इंडस्ट्री में जम गया तो उन्होंने न केवल बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड में भी काम किया।

ओम पुरी ने अपने करियर में लगभग 300 फिल्मों में काम किया। लेकिन उनकी बेहतरीन फिल्मों में ‘अर्ध सत्य’, ‘आक्रोश’, ‘सद्गति’, ‘जाने भी दो यारो’ और ‘मिर्च मसाला’ में उनके अभिनय को खूब सराहा गया था। फिल्म ‘अर्ध सत्य’ के लिए ओम पुरी को नेशनल अवॉर्ड भी दिया गया था।

ओम पुरी का फिल्मी करियर 40 साल से अधिक का रहा है और उनके काम को लोगों ने खूब पसंद भी किया। बावजूद इसके इतने सालों में उन्हें केवल 4 बार अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें एक फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। साल 1981 में ओम पुरी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। इसी साल उन्हें बेस्ट एक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। इसके बाद साल 1983 में ओम को ‘अर्ध सत्य’ में अपने किरदार के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया था। ओम पुरी ने फिल्म ‘आक्रोश’ में भी काम किया है। इस फिल्म के लिए साल 2009 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला था।

ओम पुरी का जन्म साल 1950 में अंबाला में हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने बचपन में ही काम करना शुरू कर दिया था और साथ-साथ वह पढ़ाई भी करते रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद ओम ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एक्टिंग सीखी। ओम पुरी की मौत 6 जनवरी 2017 में हुई थी।

ओम पुरी ने की थी मौत की भविष्यवाणी

ओम पुरी बेबाक थे और हर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात किया करते थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मौत कैसे होगी। पुरी ने कहा था किसी दिन सोते-सोते ही वह दुनिया को अलविदा कह देंगे, सुबह-सुबह खबर आएगी और ऐसा ही हुआ। सुबह के वक्त हार्ट अटैक आने से ओम पुरी की मौत हो गई थी।