हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह ने एक नया ट्रेंड सेट किया। दोनों के बॉलीवुड में एंट्री से पहले एक्टर्स का चयन गुड-लुक्स पर होता था। नसीरुद्दीन शाह ने बताया था कि हम दोनों की शक्ल बिल्कुल साधारण थी और एक्टर बनने लायक तो बिल्कुल नहीं। खैर, दोनों ने फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की और एक्टिंग में महारत भी हासिल की। ओम पुरी तो एक्टर बनने के लिए सरकारी नौकरी तक छोड़ आए थे।

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ओम पुरी ने ‘द अनुपम खेर शो: कुछ भी हो सकता है’ में बताया था, ‘मैंने जब नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा जाने के बारे में दोस्तों को बताया तो सबने कहा कि तुम सरकारी नौकरी करते हो और वहां बहुत रिस्क है। थिएटर में पैसा नहीं है और तुम गरीब परिवार से हो। मैंने ठान लिया था और चयन होने पर सब छोड़कर भाग गया। मैंने बहुत रिस्क लिए थे। मैं बचपन से आर्मी से जाना चाहता था। लेकिन धीरे-धीरे चीजें बदलती गईं।’

लड़कियों से शर्माते थे ओम पुरी: टीवी शो में ओम पुरी आगे बताते हैं, ‘मैं बहुत घुटा हुआ था और नाटकों में तो आ चुका था। मैं तो लड़कियों के मामले में और भी ज्यादा शर्मिला था। मेरी तो उनसे बात करते हुए निगाह तक नहीं उठती थी। मन करता था निगाह उठाऊं, लेकिन उठती ही नहीं थी। मुझे ये महसूस होता था कि जिससे तकलीफ होती है वो मैं पर्दे पर पेश कर सकता था। मुझे अंदर के भाव बाहर लाने का भाव मिलता था तो मुझे बहुत संतुष्टि प्राप्त होती थी।’

अंग्रेजी से होती थी तकलीफ: ओम पुरी कहते हैं, ‘एनएसडी में आने के बाद मुझे अंग्रेजी से बहुत तकलीफ हो रही थी। क्योंकि मैंने पंजाबी में अपनी पढ़ाई की थी। वहां कॉन्वेंट वाले भी थे। अल्काजी साहब (NSD के पूर्व डायरेक्टर) जानना चाहते थे कि मुझे क्या परेशानी है। मैंने उन्हें कहा कि ऐसा है मैं एक्टिंग छोड़कर जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि भाई क्या हुआ? मैंने कहा कि मुझे अंग्रेजी नहीं आती। उन्होंने कहा कि एक काम करो तुम हिंदी में एक्टिंग करो और अंग्रेजी अखबार पढ़ना शुरू कर दो। दोस्तों से अंग्रेजी में बात करो। अब मैंने 22-23 अंग्रेजी फिल्म कर डाली हैं।’ लंबी बीमारी के बाद 6 जनवरी 2017 को ओम पुरी ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।