Censor board’s orders to filmmakers in early days of Indian cinema: सेंसर बोर्ड ने पहली बार बीते जमाने की फिल्मों के कटे हुए सीन्स को पब्लिक कर दिया है। नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) पुणे ने फिल्मों के सभी सीन्स का डिजिटलीकरण किया है और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है। फिल्म के सीन्स को ‘फिल्म सेंसर रिकॉर्ड्स’ नाम के एक सेक्शन के तहत पोस्ट किया गया है। यह करीब 2500 पेज की फिल्म फाइलों का बड़ा संग्रह है।
फिल्म के कटे सीन्स में राज कपूर की फिल्म ‘आग’ का भी एक सीन पब्लिक किया गया है। 4 जनवरी 1951 को रिलीज हुई राज कपूर की फिल्म ‘आग’ के सीन पर सेंसर बोर्ड ने कैंची चला दी थी। सेंसर बोर्ड को सीन में अभिनेत्री के राज कपूर के सीने पर सिर रखने पर आपत्ति थी। आपको जानकारी हैरानी होगी कि ऐसे कुछ सीन के चलते राज कपूर की फिल्म ‘आग’ को सेंसर बोर्ड ने यू सर्टिफिकेट दिया था।
फिल्मों के सीन्स को साल 2009-10 में ही डिजिटलीकरण कर दिया गया था, लेकिन वे केवल NFAI के पुस्तकालय के विजिटर्स के लिए ही उपलब्ध थे। NFAI निदेशक प्रकाश मांदम ने इंडियन एक्सप्रेस ने बातचीत में कहा, ”यह रिकॉर्ड पहले जमाने के भारतीय सिनेमा के ऐतिहासिक कागजात हैं, जिन्हें अब आम जनता के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। यह उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं जिन्हें भारतीय सिनेमा में दिलचस्पी है।”
प्रकाश ने आगे कहा, ”इस रिकॉर्ड से पता लगता है कि विश्व युद्ध 2 के दौरान युद्ध फिल्में जांच के दायरे में थीं। भारत की कोलंबिया फिल्म्स द्वारा ‘आई विल नेवर हैल अगेन’ को मार्च 1942 में सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया गया था क्योंकि यह युद्ध के मामले में बुरा असर डालती थी।”