Naagin 4: नागरानी मान्यता की जान खतरे में हो और उसको ये खतरा किसी और से नहीं बल्कि देव के परिवार से है। देव की मां वैशाली नागरानी मान्यता से लाल टेकरी मंदिर का राज और नागमणि देने के लिए कहेगी लेकिन नागरानी मान्यता ऐसा करने से मना देगी जिसके बाद वैशाली, मान्यता का ध्यान भटकाने के लिए कहती है कि उसकी बेटी उनके घर में बहू बनकर रह रही है और वो कोई और नहीं बल्कि बृंदा है।
वैशाली के मुख से ये बात सुनकर नागरानी मान्यता काफी ज्यादा इमोशनल हो जाती है और वैशाली से गुहार लगाते हुए कहती है कि मेरी बेटी को कुछ मत करना। वैशाली एक बार फिर नागरानी मान्यता पर दबाब बनाती है और उससे लाल टेकरी मंदिर का राज और नागमणि देने के लिए कहती है। आखिरकार नागरानी मान्यता वैशाली की बातों में आ जाती है और उसे सबकुछ बता देती है। राज का पता चलते ही पारेख परिवार बड़ी ही बेरहमी के साथ नागरानी मान्यता की पत्थरों से हत्या कर देता है।
वहीं बृंदा को मारने के लिए देव की मां वैशाली कुछ गुंडों को हायर करेगी। गुंडे बृंदा का खात्मा करने फैक्ट्री में जाएंगे इस दौरान जब गुंडे बृंदा का खात्मा कर रहे होते हैं तब बृंदा का गुस्सा फूट पड़ता है और वो अपने असली रूप यानी इच्छाधारी नागिन का रूप ले लेती है। ऐसे में गुंडों का खात्मा होना लाजमी है लेकिन क्या बृंदा ये राज जान पाएगी कि कौन उसकी जान का दुश्मन बना है ये तो वक्त ही बताएगा।
वहीं विशाखा लगातार देव के साथ नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश कर रही है और ये बात बृंदा को पता चल चुकी है। इसी के चलते वो विशाखा को समझाने के लिए सबसे दूर जंगल में लेकर जाएगी और उससे कहेगी कि तुमने मुझसे वादा किया था कि तुम मेरा साथ दोगी फिर ऐसा क्यों कर रही हो जिसपर विशाखा गुस्से में जवाब देते हुए कहती है कि कोई भी वादा मेरे मकसद से बड़ा नही हो सकता जिसके बाद बृंदा काफी ज्यादा चौंक जाती है।

