फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में सीतापुर के जेल में बंद आजम खान (Azam Khan) और उनकी पत्नी डॉ. फातिमा खान को लेकर मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने कहा है कि उनके परिवार के साथ आतंकवादियों जैसा सलूक ना किया जाए। बल्कि किरदार बिगाड़ने वाले को सजा दी जाए वरना सियासी बदलेबाजी इस मुल्क को खा जाएगी।
मुनव्वर राणा ने ट्वीट किया, ‘आज़म खान और उनके ख़ानदान के साथ आतंकवादियों जैसा सुलूक ना किया जाए। झूठे मुक़दमों में अदालत का वक़्त और किरदार बिगाड़ने वालों को सज़ा दी जाए। वरना सियासी बदलेबाज़ी इस मुल्क को ऐसे खा जाएगी जैसे दीमक किताबों को। उनको जेल में रखना पार्लियामेंट और असेम्बली दोनों की तौहीन है।’ मुव्वर राणा के इस ट्वीट पर उन्हें ट्रोल करने लगे।
एक यूजर ने लिखा, ‘मतलब धर्म की आड़ में बाबा साहब के संविधान पर भी भरोसा नहीं रहा? कब तक चोरों का साथ दोगे?’ इसके साथ ही एक अन्य ने लिखा, ‘सुना है राना साहब कि हिटलर के मरने के बाद उसके भक्तों को चुन चुन कर मारा गया था।’
वहीं एक यूजर ने मुनव्वर राणा के इस ट्वीट पर उन्हें जज बताते हुए जवाब दिया, ‘अरे मुनव्वर जी आप तो जज बन गए!! कृपया अपना ज्ञान यहाँ ना…। और हाँ इस देश को कुछ तथाकथिक शायर के चंद गद्दार दीमक जैसे खा रहे हैं। लेकिन चिंता न करे दीमक को जड़ से मिटाने की दवाई है देश के पास।’ एक ने लिखा कि ‘और भी है मुद्दे जमाने मे आजम खान के सिवा। वैसे शेर के साथ साथ आजकल पेड धमकियां भी लिखने लगे आप’।
आज़म खान और उनके ख़ानदान के साथ आतंकवादियों जैसा सुलूक ना किया जाए।
झूठे मुक़दमों में अदालत का वक़्त और किरदार बिगाड़ने वालों को सज़ा दी जाए। वरना सियासी बदलेबाज़ी इस मुल्क को ऐसे खा जाएगी जैसे दीमक किताबों को। उनको जेल में रखना पार्लियामेंट और असेम्बली दोनों की तौहीन है।— Munawwar Rana (@MunawwarRana) May 11, 2020
मतलब धर्म की आड़ में बाबा साहब के संविधान पर भी भरोसा नहीं रहा? कब तक चोरों का साथ दोगे?
— AKSHAY DADHICH (@JHIKALIBABA) May 11, 2020
गौरतलब है कि मुनव्वर राणा अपने पिछले कई ट्वीट को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने सेना द्वारा कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाए जाने को लेकर भी तंज कसते हुए लिखा था, ‘कोरोना वॉरियर्स का सम्मान तो हम सभी कर रहे हैं। लेकिन रावत साहब! कोरोना वायरस पुलवामा नहीं है, ये तो दवाओं से ही ख़त्म होगा। इतनी फ़ौज की ताक़त और करोड़ों रुपये बर्बाद करने से क्या फ़ायदा? कोरोना के ख़िलाफ़ फौजी अस्पतालों के डॉक्टर्स को पूरी सुविधाओं के साथ मैदान में उतारिए।’