टेलीविजन के चर्चित सीरियल ‘महाभारत’ में श्रीकृष्ण का किरदार निभाने वाले अभिनेता नीतीश भारद्वाज ने मुकेश खन्ना के चर्चित चैट शो ‘द मुकेश खन्ना शो’ में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने महाभारत में काम करने से पहले और बाद के अपने अनुभवों समेत तमाम बातें साझा की। साथ ही तमाम समसामयिक मुद्दों पर भी खुलकर बोले। इसी दौरान देश में शिक्षा के स्तर और सिलेबस को लेकर मुकेश खन्ना ने नीतीश से एक सवाल किया।
उन्होंने पूछा कि- हम क्यों अपने बच्चों को स्कूलों में रोमन-सिकंदर पढ़ाते हैं? क्यों नहीं झांसी की रानी आदि को पढ़ाते हैं?मुकेश खन्ना कहते हैं- सरकार को सही काम करना चाहिए, डंडा लाइए, करवाइए वो काम। मैं प्योर डेमोक्रेसी को अच्छा नहीं मानता। इसपर विश्वास नहीं रखता। डेमोक्रेसी का आप नुकसान उठा रहे हैं।
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं कि संस्कृत को हमारे यहां पॉपुलर होना चाहिए। लेकिन अंग्रेजी को ज्यादा पसंद किया जाता है। इस पर नीतीश कहते हैं- आपको एक छोटी सी चीज कहूं, छोटा मुंह बड़ी बात… मैं आपसे जूनियर हूं, लेकिन पूरी दुनिया को बदलने का आपने और मैंने ठेका नहीं ले रखा है।
इस पर मुकेश खन्ना हंसने लगते हैं और पूछते हैं -फिर कौन लेगा? नीतीश कहते हैं – कोई नहीं, बस ऊपर वाला लेगा। मुकेश इसके जवाब में कहते है- अगर सब ये बोलना शुरू कर दें, कि अरे साहब ये मेरा काम नहीं। तो फिर तो बस। आपको अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। आप इस देश के नागरिक हैं। अगर हम आप इस तरह की बातें नहीं करेंगे तो कोई नहीं करेगा और हम वेस्टर्न कंट्री की तरफ बढ़ते चले जाएंगे।
नीतीश कहते हैं- मैं कहने में नहीं करने में विश्वास रखता हूं। वह भी चुपचाप। मैं अपने बच्चों को सिखा रहा हूं, मैं और बच्चों को सिखा रहा हूं, बूंद बूंद से घट भरता है।
इस पर मुकेश खन्ना कहते हैं- आपसे सीख कर अगर हर कोई एक-सा करने लगे तो सब सार्थक हो जाए, मेरा प्रयास भी। लेकिन तुम्हारे प्रयास में सिर्फ वनवासी ही रह गए या परिवार वाले ही रह गए तो बात नहीं बनेगी। अरे सरकार क्या कर रही है? मुझे ऑब्जेक्शन है। अरे सिलेबस चेंज कर डालिए। क्यों जनरल मैकॉले के 1938 की हम आज बात करते हैं, पढ़ते हैं अंग्रेजी स्कूलों में? क्यों हमको बताया जाता है रोमन का, सिकंदर के बारे में? झांसी की रानी, पृथ्वीराज चौहान… इनके बारे में हमको कम नॉलेज क्यों दिया जाता है?
इस पर नीतीश कहते हैं- मुझे जहां तक याद है, ये जो सरकार है पूरा सिलेबस रीफॉर्मेट करने की दृष्टि से काम कर रही है। जो मुझे लगता है। हमें इस सरकार पर भरोसा रखना चाहिए और थोड़ा समय देना चाहिए। मुकेश कहते हैं- लॉर्ड मैकॉले ने 1938 में वहां पार्लियामेंट में जाकर कहा था कि मैं एक ऐसी चीज डालने जा रहा हूं जो पूर देश की संस्कृति को बदल देगा।
उसने चुपचाप 6th से अंग्रेजी शुरू करवादी। अरे चलो, हम भी उनको ऐसे ही कॉपी कर लेते हैं ना। चुपचाप जिस दिन तुम स्कूल जाओगे देखोगे, उस किताब में झांसी की रानी के 10 पेज हैं, अकबर के 2 पेज हैं। करके दिखाओ ये। ये विरासत है हमारी, करके दिखाओ।