बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कंगना रनौत के सभी सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने की मांग की गई है। इससे पहले कॉमेडियन वीर दास का एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ था। इस वीडियो में उन्होंने ‘I come from two Indias’ नाम से कविता सुनाई थी। वीर दास की इस कविता का भी एक्ट्रेस कंगना रनौत ने विरोध किया था। अब कंगना की ऐसी प्रतिक्रियाओं के खिलाफ एक्टर मुकेश खन्ना की भी प्रतिक्रिया आई है।
मुकेश खन्ना ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘लोग मुझे कह रहे थे कि सर, आपने वीर दास का खुला विरोध किया, लेकिन उसके खिलाफ आपने कुछ नहीं बोला जिन्होंने कहा कि हमारे देश को आजादी 1947 में नहीं मिली थी। मैं मर्द से लड़ सकता हूं, लेकिन एक महिला से बिल्कुल नहीं लड़ सकता। मैं आमतौर पर लड़ने में विश्वास नहीं रखता हूं। कई लोगों ने मुझे गलत समझना शुरू कर दिया। लोग कह रहे थे कि लगता है कि सर आप भी उसी पार्टी से जुड़े हुए हैं। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि देश के खिलाफ जो भी होगा मैं उसका खिलाफ बोलूंगा।’
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं, ‘ये कहना कहां तक ठीक है कि स्वतंत्रता हमें भीख में मिली। उनका ये बयान चापलूसी से प्रेरित है, बहुत ही बचकाना है। पद्मा अवॉर्ड का साइड इफेक्ट है। अगर हमें 1947 में आजादी नहीं मिली थी तो क्या हम लोगों ने 60 साल गुलामी में जिये हैं? मैं समझ चुका हूं कि आप लोग क्या कहना चाहते हो। अगर आप ये कहते हो कि आजादी 1947 में नहीं मिली तो आपने चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों का अपमान किया है। सुभाष चंद्र बोस से तो आरएसएस के नेता भी जाकर मिलते थे। मैं भी कहता हूं कि सिर्फ गांधी और नेहरू की वजह से आजादी नहीं मिली।’
मुकेश खन्ना ने कहा था, ‘अगर आपको लगता है कि मैंने कंगना रनौत को लेकर कोई बयान नहीं दिया तो मैं साफ कर देना चाहता हूं। उनके द्वारा दिये गए बयान, चाहे वो भीख वाला बयान हो या आजादी वाला बयान हो, ऐसे सभी बयानों को लेकर मैं साफ कर देता हूं कि ये पूरी तरह बचकाना बयान है।’
मुकेश खन्ना ने कहा, ‘मैं यही कहना चाहूंगा कि ये महिला वीर दास से 10 कदम आगे बढ़ गई है अपमान करने के मामले में। खुद को झांसी की रानी कहना पसंद करती है। क्रांतिक्रारियों के बलिदान का अपमान किया जा रहा है। ये सीधा पद्म पुरस्कार का ही अपमान है।’