मौसमी चटर्जी और अमिताभ बच्चन ने 1970 के दशक में तीन फिल्मों में साथ काम किया था। दोनों ने ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘बेनाम’ और ‘मंजिल’ फिल्में की थी। साल 1981 में आई फिल्म ‘बरसात की एक रात’ में भी दोनों को साइन किया गया था, लेकिन बाद में निर्माता शक्ति सामंत ने मौसमी चटर्जी को फिल्म से बाहर कर दिया। फिल्म में उन्हें अमिताभ बच्चन की प्रेमिका का किरदार मिला था, जिसे बाद में राखी गुलज़ार ने निभाया। अब सालों बाद मौसमी चटर्जी ने एक इंटरव्यू में उस वक्त के बारे में बताया और कहा कि उन्हें इसलिए रिप्लेस किया गया था क्योंकि एक्टर्स को लगता था कि उनके साथ काम करना मुश्किल है। उन्हें शायद इसलिए बदल दिया गया क्योंकि वह सबसे मिलनसार व्यक्ति नहीं थीं।

नयनदीप रक्षित के साथ बात करते हुए मौसमी ने पुराना किस्सा शेयर किया और कहा, “ये फिल्म निर्माता शक्ति सामंत की फिल्म ‘बरसात की एक रात’ थी। एक दिन, शक्ति अंकल ने मुझे फोन किया और पूछा, ‘क्या तुम्हारा अमिताभ बच्चन से कोई झगड़ा हुआ है?’ मैंने उनसे कहा, ‘अंकल, मैं किसी के इतना करीब नहीं हूं कि वो मुझसे लड़े। मैं बहुत मिलनसार और अच्छी हूं और मुझे यही फीडबैक भी मिलता है।’ उन्होंने कहा, ‘यही समस्या है। ज्यादातर हीरो कहते हैं, ‘मौसमी को क्यों लिया उसके साथ हमारी ट्यूनिंग सही नहीं है।’ फिर उन्होंने मुझसे पूछा, ‘क्या तुम समझते हो कि ट्यूनिंग से उनका क्या मतलब है?’ मैंने कहा, ‘शायद, अब मैं समझ गई हूं। शायद दोस्ती से ज्यादा। लेकिन मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आई हूं। मैं यहां काम करने आई हूं।”

मौसमी ने आगे कहा, “इसलिए शक्ति अंकल ने मुझे इस फिल्म से निकाल दिया। मैंने उनसे कहा कि ‘मैं आपको साइनिंग अमाउंट लौटा दूंगी’, उन्होंने कहा, ‘नहीं, इसे अपने पास रखो, मैं अपनी अगली फिल्म तुम्हारे साथ बनाऊंगा।’ इसलिए मैंने ‘आनंद आश्रम’ की। मुझे समझ में आ गया कि वो नंबर वन स्टार के साथ अपने रिश्ते खराब नहीं कर सकते।”

मौसमी ने की अमिताभ बच्चन की तारीफ

सालों बाद मौसमी और बिग बी ने 2015 की फिल्म ‘पीकू’ में एक बार फिर साथ काम किया, जिसमें वो एक छोटी सी भूमिका में नजर आईं। अपने अनुभव को साझा करते हुए, उन्होंने कहा, “अमिताभ बच्चन वाकई कमाल के हैं। जब मैंने उनके साथ ‘पीकू’ में काम किया, तो वो समय के बहुत पाबंद थे। युवा पीढ़ी को उनसे सीखने की जरूरत है।”

जया बच्चन पर की ये बात

इसी इंटरव्यू में मौसमी ने उस विवाद पर भी बात की जो तब शुरू हुआ जब पैपराज़ी ने उन्हें जया बच्चन कहकर पुकारा और उन्होंने कहा, “मुझे जया बच्चन मत कहो, मैं एक बेहतर हूं।” इसके बारे में बात करते हुए मौसमी ने कहा, “लोग इसे मनगढ़ंत बना देते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि मुझे तुलना पसंद नहीं है। कई बार, वो (पैपराज़ी) आपको परेशान करते हैं। वे सुनना नहीं चाहते। एक बार जब आप लाइमलाइट से दूर रहना चाहते हैं, तो आप किसी व्यक्ति को आपको पसंद करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। लेकिन, मुझे तुलना करना पसंद नहीं है। मैं खुद को एक बेहतर इंसान मानती हूं।”

आपको बता दें कि जया बच्चन के पैपराजी के साथ बर्ताव को लेकर मौसमी चटर्जी ने करीब 1.5 साल पहले कटाक्ष किया था। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह कहती दिख रही है, ‘मैं जया से बेहतर इंसान हूं।’ पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…