मोदी कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा जोरों पर है। बताया जा रहा है कि 7-8 जुलाई को मंत्रीमंडल का विस्तार किया जा सकता है जिसमें कुछ नए चेहरों को जगह दी जाएगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। इसके अलावा सर्बानंद सोनोवाल, राकेश सिंह, पशुपति नाथ पारस, रीता बहुगुणा जोशी, अनुप्रिया पटेल आदि लोगों को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है। इस मंत्रीमंडल विस्तार पर जो अटकलबाजी हो रही है, उस पर टीवी एंकर दीपक चौरसिया ने सवाल उठाए हैं।

दीपक चौरसिया ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, ‘तीन दिन पहले इस बात का आम हो जाना कि केंद्रीय मंत्रीपरिषद में विस्तार हो रहा है! मंत्री पद हेतु नाम और संख्या की ख़बरें उड़ना, ये मोदी सरकार में पहली बार हुआ है। कुछ तो है जो बिलकुल नया है। कार्यशैली ऐसे कैसे बदल गयी आख़िर?’

उनके सवाल पर ट्विटर यूजर्स की ढेरों प्रतिक्रिया सामने आई है। पोनी जाट नाम के एक यूजर ने दीपक चौरसिया को जवाब दिया, ‘क्या से क्या हो गया देखते- देखते। काला धन का जिक्र बंद, महंगाई बेरोजगारी का ज़िक्र बंद, भ्रष्टाचार पर चुप्पी, स्मार्ट सिटी गायब। जांच तो किसी चीज की नहीं होगी चाहे पुलवामा हो या राफेल, मंदिर का चंदा हो या रामदेव का धंधा हो।’

 

 

दिनेश चावला नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘अरे चौरसिया साहब, धैर्य रखिए ये मोदी हैं मोदी। इनके बाएं हाथ को भी पता नहीं होता कि दांया हाथ क्या करने वाला है, तो मीडिया को तो छोड़ ही दो।’ रूपम नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘जिसके शासनकाल में राफेल की फाइल का एक पेज गायब हो जा सकता है उस सरकार के बैठक की सूचना गायब क्यों नहीं हो सकती है?’

 

कन्हैया लाल नाम के एक यूजर ने दीपक चौरसिया को जवाब दिया, ‘देखते जाइए पत्रकार साहब धीरे-धीरे सब कुछ बदलता नजर आएगा आपको। मोदी जी के पैरों तले से सियासी जमीन खिसकती नजर आ रही है। बीजेपी अब भारतीय जनता का दमन कर नहीं सकती। डर को इतना मत डराओ कि उसका डर ही खत्म हो जाए।’

 

कोरी नाम के एक अन्य यूजर लिखते हैं, ‘ये भाषा किसी पत्रकार की है या पार्टी सदस्य की?’ कुमार मंगलम नाम के यूजर ने दीपक चौरसिया से व्यंगात्मक लहजे में पूछा, ‘राफेल पर आपके क्या विचार हैं? पकड़ा जाने वाला फ्रांस के जेल में रहेगा या स्वदेशी जेल में?’