सलमान खान और कैटरीना कैफ का फिल्म टाइगर जिंदा इस शुक्रवार 22 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। मगर इस फिल्म को पद्मावती की तरह राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है। फिल्म को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बाद अब शिवसेना ने आपत्ति जताई है, उनका कहना है कि फिल्म की रिलीज से मराठी फिल्मों देवा और एक अतरंगी के स्क्रीन काउंट पर असर पड़ेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार टाइगर जिंदा है के प्रोड्यूसर्स ने मुंबई के सभी मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रिन्स के पांच शो को पहले से बुक करवाया हुआ है। जिसकी वजह से मराठी सिनेमा को ना के बराबर स्क्रीन मिलेंगी।

इस मामले पर अपनी आवाज उठाते हुए मनसे की नेता शालिनी ठाकरे ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- ‘मराठी फिल्मों को हर हाल में प्राइम टाइम शो में स्थान मिलना चाहिए। ‘देवा’ को ‘टाइगर जिंदा’ के कारण स्थान नहीं दिया जा रहा है। यदि हिंदी फिल्मों को मराठी फिल्मों की कीमत पर जगह दी जाएगी तो हमलोग उसका विरोध करेंगे। हमने किसी को धमकी नहीं दी है, बल्कि देवा के लिए स्क्रीन स्पेस की मांग की है।’ मनसे हिंदी फिल्मों के साथ ही उत्तर भारतीयों को भी निशाना बनाती रही है। मनसे की इस चेतावनी से मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल मालिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में कहा- ये बड़ी मछलियां (टाइगर जिंदा है) छोटी मछलियों को खाने की कोशिश कर रही हैं। यह दादागिरी केवल मुंबई और महाराष्ट्र में चलती है। जो ऐसा कर रहे हैं उन्हें यह याद रखना चाहिए कि शिव सेना का भी टाइगर अभी जिंदा है। आपको बता दें कि इससे पहले शिवसेना और मनसे ने पाकिस्तानी एक्टर्स के खिलाफ हाथ मिलाया था।