अभिनेता अली फ़ज़ल ने वेब सीरीज ‘मिर्ज़ापुर’ में गुड्डू भैया के किरदार से खूब सुर्खियां बटोरी हैं। उनका यह किरदार इतना फेमस हुआ है कि लोग उन्हें गुड्डू भैया के नाम से ही पहचानने लगे हैं। एक्टिंग के दम पर खुद को स्थापित करने वाले अली फ़ज़ल कभी पायलट बनना चाहते थे लेकिन उनके पिता ने उन्हें रोक दिया। जब अली फ़ज़ल ने डॉक्टर बनना चाहा तो उनके पिता ने कहा कि इसके लिए तो तुम्हें 10 साल तक पढ़ाई करनी पड़ेगी और इस तरह उन्हें डॉक्टर बनने से भी मना किया।
अली फ़ज़ल ने हाल ही में निलेश मिश्रा को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया। अली फ़ज़ल देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे। उनके पिता साल में एक बार उनसे मिलने जाते थे और उस साल भी स्कूल के फाउंडेशन डे पर वो अली से मिलने जाने वाले थे। अली फजल ने एक प्रेजेंटेशन तैयार कर रखा था कि वो पिता को अपने पायलट बनने के बारे में बताएंगे। उन्होंने बताया, ‘मैं उनके साथ बैठा और मैने कहा कि मुझे पायलट बनना है। उन्होंने बहुत देर रुककर कहा- नहीं। बहुत खतरनाक है ये। कुछ और करो, इतना पढ़े हो कुछ और करो।’
अली फ़ज़ल जब डॉक्टर बनना चाहते थे तब भी उनके पिता ने रोक दिया था। उन्होंने बताया, ‘मुझे बायोलॉजी का बहुत शौक था, डॉक्टर बनना था। लेकिन वो कहने लगे कि उसमें तो 10 साल की पढ़ाई होती है।’ अली फजल ने बताया कि इन दो इंसीडेंट्स के बाद उन्होंने अपने पिता से कभी कहा ही नहीं कि वो क्या बनना चाहते हैं।
अली फ़ज़ल फ़िल्मों के प्रति हमेशा से ही दिलचस्पी रखते थे लेकिन उन्होंने टेंथ क्लास तक कभी सोचा नहीं था कि वो एक्टर बनेंगे। वो स्पोर्ट्स भी काफी अच्छा खेलते थे लेकिन एक मैच के दौरान उन्हें बांह में चोट लग गई जिसके बाद उन्होंने स्पोर्ट्स को भी अलविदा कह दिया। पहली बार उन्हें एक्टिंग का ख्याल तब आया जब उन्होंने अपने स्कूल में शेक्सपियर का एक नाटक किया।
एक इंटरव्यू में अली ने बताया था कि वो नाटक उन्होंने एक लड़की को इंप्रेस करने के लिए किया था। उस नाटक को कई पुरस्कार मिले और इस तरह से उनकी एक्टिंग की जर्नी शुरू हुई। अली ने शुरू में कुछ विज्ञापनों में काम किया। जब वो अपने कॉलेज में थे तभी उन्हें आमिर खान की फ़िल्म, ‘3 इडियट्स’ में एक रोल मिला था। इसके बाद वो 2011 की फ़िल्म ‘कभी कभी’ में नजर आए। अली फ़ज़ल को 2013 की फिल्म, ‘फुकरे’ से पहली बार पहचान मिली।