बॉलीवुड में ट्रेजडी क्वीन के नाम से फेमस रही मीना कुमारी को कौन नहीं जानता। मीना कुमारी को इसलिए ट्रेजडी क्वीन कहा जाता था क्योकि उन्होंने असल जिंदगी में तो दर्द झेले ही साथ ही उन्हें पर्दे पर भी ऐसे किरदार निभाने का मौका मिला जिनके भीतर गम का सागर था। मीना जब एक्टिंग करती थीं तो ऐसा लगता था मानो वह अपने दिल में छिपे दर्द को चेहरे और आंखों से बयां कर रहीं हो। 1 अगस्त 1933 को पैदा हुई मीना कुमारी बचपन से ही फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ गई थीं। मीना कुमारी की जिंदगी की कई ऐसी कहानियां है जिन्होंने उन्हें एक अलग शख्सियत प्रदान की है।
कमाल आरोही ने मीना कुमारी को लेकर बनाई पाकिजा: बात उन दिनों की हैं जब मशहूर फिल्मकार कमाल आरोही के मन में ख्याल आया कि जैसे शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज के लिए ताजमहल बनाया था, वैसे ही उन्हें भी अपनी मुहब्बत मीना कुमारी के लिए कुछ करना चाहिए।
इसी सोच के साथ उन्होंने फैसला किया कि वह मीना कुमारी को लेकर भारत की सबसे शानदार फिल्म बनाएंगे। कमाल अमरोही साहब के लिए फ़िल्म “पाकीज़ा” अपनी मुहब्बत मीना कुमारी के लिए उनके इश्क का एक नजराना थी। इस फिल्म की शूटिंग 14 साल में पूरी हुई और 4 फरवरी 1972 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई।
पाकिजा के लिए मीना ने ली 1 रुपये फीस: पाकिजा फिल्म के दौरान ही मीना कुमारी और कमाल आरोही का के बीच रिश्ते बिगड़ गए थे और दोनों 1964 में अलग हो गए। ऐसे में अभिनेत्री नहीं चाहती थी कि वह कमाल के साथ फिल्म करें, लेकिन बहुत मनाने के बाद एक्ट्रेस इस शर्त के साथ मान गईं कि वह इस फिल्म के लिए फीस नहीं लेगी। लेकिन फिल्म में बेहतरीन काम करने के लिए कमाल आरोही के बहुत जिद करने के बाद उन्होंने फीस के तौर पर मात्र एक रुपया रख लिया था।
फिल्म आने के कुछ ही दिन बाद हो गई थी मीना कुमारी की मौत: एक्ट्रेस अपने जीवन के दर्द को छिपाने के लिए शराब का सहारा लेती थी । बेइंतहा शराब पीने की वजह से मीना कुमारी लीवर सिरोसिस की बीमारी से पीड़ित थी और उनकी सेहत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी। फिल्म के रिलीज के 2 महिने बाद ही मीना कुमारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इसका फिल्म पर बहुत गहरा असर पड़ा और देखते ही देखते फिल्म एक कल्ट क्लासिक का दर्जा हासिल करने में कामयाब रही।