फिल्म ‘मार्क एंटनी’ एक्टर विशाल ने वीडियो के जरिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विशाल ने दावा किया है कि सेंसर बोर्ड ने उनकी फिल्म की हिंदी रिलीज के सर्टिफिकेशन के लिए 6.5 लाख रुपये लिए हैं। उनका ये वीडियो तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले का संज्ञान लेने की रिक्वेस्ट भी कर रहे हैं।
ये मामला विशाल की फिल्म ‘मार्क एंटनी’ से ही जुड़ा है। जो 15 सितंबर को रिलीज हुई थी। फिल्म का हिंदी वर्जन 28 सितंबर को रिलीज हुई है। हिंदी वर्जन की रिलीज के सर्टिफिकेट के लिए उन्हें सीबीएफसी को 6.5 लाख की रिश्वत देनी पड़ी थी। इतना ही नहीं विशाल का कहना है कि उनके पास इस बात के सारे सबूत हैं। एक्टर के इस आरोप से इंडस्ट्री के लोग हैरान है।
ये खबर आग की तरह फैल रही है। जिसके बाद सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी ने प्रसून जोशी का इस्तीफा मांगा है। पहलाज निहलानी का कहना है कि कि CBFC के सीईओ रविंद्र भाकर के रहते हुए जमकर करप्शन हो रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि बोर्ड के वर्तमान चेयरमैन प्रसून जोशी कभी दफ्तर तक नहीं जाते, घर पर ही फाइलें मंगाकर चेक करते हैं। उनका कहना है कि प्रसून जोशी इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
पूर्व चेयरमैन ने दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत में कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक एंटी करप्शन कमेटी का गठन होना चाहिए। हर कोई बिका हुआ है, ये ही नहीं इस तरह के कई सारे मामले हैं। CBFC भ्रष्टाचारियों का अड्डा है। जहां अधिकारियों को पैसे लेने की आदत पड़ गई है। निहलानी ने कहा कि सेंसर बोर्ड फायदा उठाता है। यहां सब जानते हैं कि उनके साइन के बगैर फिल्म रिलीज नहीं होगी, इसलिए वह लोग करप्शन कर रहे हैं।
बोर्ड में होना चाहिए फेरबदल?
पहलाज निहलानी ने कहा कि हमारी सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए। उनका कहना है कि बड़े एक्टर होने के बाद जब विशाल के साथ ऐसा हो सकता है तो तो छोटे प्रोड्यूसर्स के साथ क्या होता होगा।