मनोज बाजपेयी बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर्स में से एक हैं। मनोज साल 1998 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ में दिखाई दिए थे, जिसके बाद वो रातों रात मशहूर हो गए। रिलीज के कुछ दिन के भीतर ही वो अपने एरा के प्रशंसित अभिनेताओं में से एक बन गए।
शराब के नशे में अमिताभ से की थी मुलाकात: हाल ही मनोज बाजपेयी ने लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में अपने आदर्श अमिताभ बच्चन के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद किया। एक्टर ने बताया कि करियर के शुरुआती दिनों में वो पहली बात अमिताभ बच्चन से मिले थे और उस वक्त वो नशे में धुत थे।
मनोज ने बताया कि वो डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा और क्रिटिक खालिद मोहम्मद के साथ कार में शराब पी रहे थे। वहीं अंदर अमिताभ बच्चन अपने परिवार के साथ उनकी फिल्म देख रहे थे, जिससे वो काफी घबराए हुए थे, क्योंकि वो इससे पहले कभी अमिताभ से नहीं मिले थे। मनोज ने कहा,” अमिताभ अंदर अपने परिवार के साथ मेरी फिल्म देख रहे थे, ये सोचकर मेरे हाथ पैर कांप रहे थे।”
”जब फिल्म खत्म होने वाली थी, राम गोपाल वर्मा कुछ लोगों को मिलने कार से बाहर चले गए। उन्होंने पूछा,तुम आओगे? मैंने कहा नहीं सर, मैं बहुत घबराया हुआ हूं, मैं फेस नहीं कर पाऊंगा।” इसके बाद मनोज ने हंसते हुए बताया कि खालिद ने उन्हें कार से बाहर बुलाने के लिए चाल चली और जैसे ही वो कार से बाह आए, उन्होंने कार लॉक कर दी। ”उन्होंने कहा जाओ, अमित जी से मिलो। यहां बैठने का कोई मतलब ही नहीं है, वो तुम्हारें हीरो हैं।”
मनोज अपने आदर्श को मिलने के लिए काफी नर्वस थे और उनसे मिलने का साहस नहीं जुटा पाए। इसलिए वो वॉशरूम की ओर भागे, ताकी वो अमिताभ के जाने तक वहां रह सकें। लेकिन तभी उन्हें आवाज आई, अभिषेक बच्चन ने उनका नाम पुकारा और उन्हें फिल्म की बधाई दी।
अचानक प्रकट हो गए थे अमिताभ: मनोज ने बताया,”अभिषेक ने मेरी तारीफ करनी शुरू की और बात करता रहा। तब तक पीछे से एक आदमी प्रकट होता है, ये पूरा फिल्मी है। एक लंबे से कद वाला आदमी पीछे से आया। वो मेरी तरफ देख रहे हैं और ये हैं श्री अमिताभ बच्चन और इनको पर्दे पर देखने के बाद पहली बार देख रहा था मैं। और वो भी नशे की हालत में।
अमिताभ को देख बजने लगे थे कान: मनोज ने याद करते हुए बताया कि जैसे ही मैंने उन्हें देखा, मेरे कान में सीटी बजने लगी थी। ”जैसे ही उनको देखा, सच में लगा मेरे कान से सीटी की आवाज निकली। वो कुछ बोल रहे थे, मुझे उनकी आवाज सुनाई दे रही थी, लेकिन क्या बोल रहे थे वो समझ नहीं आ रहा था। क्योंकि सीटी की आवाज तेज होती जा रही थी और थोड़ा नशा भी था।”
हिम्मत जुटा कर गले लगाने को कहा था: मनोज ने कहा,”अमिताभ ने उनका हाथ पकड़ा हुआ था और मैं उनके चेहरे पर देख रहा था। मुश्किल से मैंने हिम्मत करके पूछा कि क्या मैं आपको गले लगा सकता हूं। जिसपर अमिताभ ने कहा,”अरे भाई क्यों नहीं? उन्होंने मुझे गले लगाया। मैं अपने जीवन में वो पल भूल नहीं सकता।”