मल्लिका शेरावत का नाम सुनते ही उनकी जो छवि आती है वो मर्डर की सिमरन की होती है। मगर साल 2022 में रजत कपूर की फिल्म आरके/आरके में मल्लिका ने खूब तारीफें बटोरीं और अब मल्लिका राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी की फिल्म ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ के साथ वापस आ गई हैं। फिल्म के प्रमोशन के दौरान मल्लिका शेरावत ने अपने अशांत बचपन और एक महिला के रूप में उनके साथ हुए भेदभाव के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पली-बढ़ी होने के दौरान, उनका बचपन बेहद मुश्किल भरा रहा।
हाउटरफ्लाई के साथ एक इंटरव्यू में मल्लिका शेरावत ने खुलासा करते हुए कहा, “मुझे किसी का सपोर्ट नहीं मिला। न तो मेरी माँ और न ही मेरे पिता ने मेरा साथ दिया। मेरे परिवार ने मेरा साथ नहीं दिया।” मल्लिका ने यह भी बताया कि कैसे उनके परिवार ने, कई अन्य लोगों की तरह, पितृसत्ता को जारी रखा, जिससे उनके अवसर और उनकी आजादी सीमित हो गई।
मल्लिका ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं अक्सर इन कुरीतियों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मल्लिका ने कहा, “पुरुषों ने महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया है, यह एक अलग बात है, लेकिन महिलाओं ने दूसरी महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया है, इसके बारे में क्या? महिलाएं दूसरी महिलाओं को पितृसत्ता के खूंटे से बांधती रहती हैं और सभी दरवाजे बंद कर देती हैं। वे दूसरी महिलाओं के लिए दरवाजे नहीं खोलतीं।”
अपने बचपन को याद करते हुए, मल्लिका ने शेयर किया, “मेरे माता-पिता मेरे और मेरे भाई के बीच बहुत भेदभाव करते थे। मैं अपने बड़े होने के सालों में यह सोचकर बहुत दुखी होती थी कि मेरे माता-पिता मेरे साथ इतना भेदभाव क्यों करते हैं। एक बच्चे के रूप में, मुझे समझ नहीं आया, लेकिन अब मैं समझती हूँ। वो लड़का है उसको विदेश भेजो, उसको पढ़ाओ, उसमें पैसा लगाओ। परिवार की सारी संपत्ति लड़के को जाएगी, पोते को जाएगी। लड़कियों का क्या है? उनकी शादी हो जाएगी, वे बोझ हैं।” मल्लिका ने आगे कहा, “इसलिए, मुझे इसके बारे में बहुत बुरा लगता था, लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि यह सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि मेरे गाँव की सभी लड़कियाँ इस तरह के भेदभाव और अन्याय से गुज़र रही थीं।”
मल्लिका शेरावत ने कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे सब कुछ दिया… अच्छी शिक्षा, लेकिन खुली मानसिकता या अच्छे विचार नहीं दिए। उन्होंने मुझे स्वतंत्रता नहीं दी। उन्होंने मेरा पालन-पोषण नहीं किया, कभी मुझे समझने की कोशिश नहीं की।” मल्लिका ने कहा, “मैं बहुत सारे खेल खेलती थी, चुपके से, क्योंकि मेरे परिवार ने मुझे यह कहते हुए अनुमति नहीं दी थी, ‘तुम मर्दाना बन जाओगी। तुमसे कौन शादी करेगा?’ मुझ पर बहुत सारी पाबंदियाँ थीं।”
मल्लिका ने बताया, “जब मैं पैदा हुई तो मेरे परिवार में मातम छा गया था। मुझे यकीन है कि मेरी माँ डिप्रेशन में चली गई होगी, बेचारी।”