फिल्म इंडस्ट्री जितनी चकाचौंध भरी बाहर से दिखती है उतना ही अंधेरा अंदर होता है। आज हम आपको फिल्मी दुनिया की ऐसी ही एक डरावनी सच्ची घटना के बारे में बताने वाले हैं जिसने लोगों को हैरान कर दिया था। हम आज एक ऐसी एक्ट्रेस का किस्सा बताने वाले हैं जिसने मलयालम सिनेमा को इंडस्ट्री का पहला नेशनल अवॉर्ड दिलाया और पहली फीमेल सुपरस्टार बनीं, मगर फिर दर्दनाक मौत हुई और उसकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई।
हम बात कर रहे हैं साल 1950 में फिल्मी पर्दे पर शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस थ्रेसिअम्मा कोल्लमपरम्पिल की, जो मिस कुमारी के नाम से मशहूर हुईं। अपने 18 साल के करियर में मिस कुमारी ने 34 फिल्में की और मलयालम सिनेमा को नई पहचान दी। मगर फिर 37 की उम्र में दर्दनाक मौत हो गई। बताया जाता है कि अंतिम समय में मिस कुमारी बिल्कुल अकेली रह गई थीं। चलिए जानते हैं कि मिस कुमारी की मौत कैसे हुई और फिर क्यों एक साल बाद कब्र खोदकर उनका शव बाहर निकाला गया।
साल 1949 की बात है, Kunchacko नाम के एक प्रोड्यूसर ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और उसी साल ‘वेलिनाक्षत्रम’ नाम की फिल्म बनाई। इस फिल्म के एक गाने के लिए उन्होंने एक नई एक्ट्रेस को इंट्रोड्यूस किया और उसके काम से वो इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अगली फिल्म में उस एक्ट्रेस को लीड रोल में ले लिया। एक्ट्रेस का नाम था- Thresiamma Kollamparampil, जो बाद में मिस कुमारी बनकर मशहूर हो गईं।
मलयालम सिनेमा की टॉप फीमेल सुपरस्टार बन गई थीं मिस कुमारी
कुंचाको की अगले साल 1950 में Nalla Thanka नाम की फिल्म से मिस कुमारी को मलयालम सिनेमा में लीड एक्ट्रेस के तौर पर लॉन्च किया और बैक टू बैक कई सुपरहिट फिल्में देकर मिस कुमारी बन गईं मलयालम सिनेमा की पहली फीमेल सुपरस्टार। उन्होंने ‘चेची’, ‘आत्मासखी’ और ‘कंचना’ जैसी कई हिट फिल्में दीं।
स्कूल टीचर थीं मिस कुमारी
मिस कुमारी का जन्म साल 1932 में कोट्टायम के भारनंगनम में हुआ था। थ्रेसिअम्मा कोल्लमपरम्पिल पढ़ाई पूरी करने के बाद एक स्कूल टीचर बन गईं। इसी दौरान उन्हें कुंचाको ने ‘वेलिनाक्षत्रम’ फिल्म का ऑफर दिया था। और देखते ही देखते वह मलयालम सिनेमा की सुपरस्टार बन गईं। इस दौरान उन्हें भास्करन और रामू करियात की फिल्म ‘नीलाकुयिल’ से जबरदस्त सफलता मिली। ये फिल्म साल 1954 में आई और इस फिल्म ने जाति व्यवस्था, सामंतवाद और लैंगिक अन्याय जैसी सामाजिक बुराइयों पर सवाल उठाया था। इस फिल्म ने मलयालम सिनेमा को पहला नेशनल अवॉर्ड दिलाया था और फिल्म में मिस कुमारी के काम को खूब सराहा गया था।
29 की उम्र में शादी करके छोड़ दी इंडस्ट्री, बनीं तीन बच्चों की मां
मिस कुमारी ने 29 साल की उम्र में 1961 में शादी कर ली। मिस कुमारी ने Hormis Thaliath नाम के एक इंजीनियर से शादी की थी। शादी के बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया। वे तीन बेटों की मां बनीं मगर फिर कुछ ऐसा हुआ कि लोग हैरान रह गए। साल 1969 में महज 37 साल की उम्र में मिस कुमार का निधन हो गया।
‘द हिंदू’ के अनुसार, किसी भी अखबार ने मिस कुमारी की मौत के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। बताया गया कि पेट की बीमारी की वजह से उनकी मौत हुई। एक रिपोर्ट में बताया गया था कि मौत से पहले अपने आखिरी दिनों में वे बहुत अकेली थीं। वे मानसिक पीड़ा, डर और हताशा से जूझ रही थीं। जू उनकी मौत हुई तो कोई जांच पड़ताल नहीं हुई किसी को समझ नहीं आया था कि आखिर हुआ क्या।
‘द प्रिंट’ के मुताबिक मिस कुमारी की डेडबॉडी का पोस्टमार्टम करने वाले सर्जन ने बताया था कि जब एक्ट्रेस की अचानक मौत पर उनके पिता ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। उन्होंने जांच की मांग की थी। आखिरकार मौत के एक साल बाद कब्रिस्तान में दफनाई गई उनकी बॉडी को खोदकर निकाला गया। पोस्टमार्टम हुआ और पता चला कि पेट में कीटनाशक दुर्गंधयुक्त कीटनाशक के अंश मौजूद थे। पता चला कि ये जहरीला पदार्थ था। हालांकि उनकी मौत खुदकुशी थी, या नेचुरल या फिर हत्या इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया।
