नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार, ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम बदलकर, ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ कर दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा है कि मोदी सरकार अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम भी बदल दे। सोशल मीडिया पर भी कई लोग मांग कर रहे हैं कि दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम और नरेंद्र मोदी स्टेडियम दोनों का नाम बदला जाना चाहिए। इसी मुद्दे पर बहस के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस नेता अभय दुबे के बीच जोरदार बहस हो गई जहां संबित कांग्रेस नेता का मज़ाक उड़ाने लगे।
न्यूज 18 इंडिया के डिबेट शो, ‘आर पार’ में शो के एंकर अमिश देवगन ने अभय दुबे से सवाल किया, ‘लगता है कि बीजेपी की सरकार ने एक ऐसा काम किया है जिस पर आप हां भी नहीं बोल पा रहे, ना भी नहीं बोल पा रहे। वो कहते हैं ना, न उगलते बनता है, न निगलते बनता है।’
कांग्रेस नेता ने जवाब दिया, ‘वो हमारे भी प्रधानमंत्री हैं और हम इसी दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री जी से कह रहे हैं कि बहुत छोटे उद्देश्यों की प्रतिपूर्ति के लिए उन्होंने ये काम किया है। जहां तक बात गांधी की की न संबित पात्रा जी? तो गांधी परिवार नहीं परंपरा है त्याग और बलिदान की, गांधी वंश नहीं विचारधारा है, इस हिंदुस्तान की प्रगति और समृद्धि की।’
जब काँग्रेस प्रवक्ता ने कहा ‘गाँधी परिवार नहीं परंपरा है गाँधी वंश नहीं विचारधारा है’ तब संबित पात्रा ने क्यों कहा’ आरती की थाली लाई जाए’#आर_पार #DhyanChandKhelRatna #RajivGandhiKhelRatna #PMModi @AMISHDEVGAN @sambitswaraj @AbhayDubeyINC pic.twitter.com/zgLI3zOiUW
— News18 India (@News18India) August 6, 2021
वो आगे बोले, ‘गांधी वंश नहीं विचारधारा है, भारत के विभिन्न भाषा, वेशभूषा, धर्म, संस्कृति, संस्कार के लोगों को एक साथ रखने की।’ उनकी बातों के बीच ही संबित पात्रा ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा, ‘ओ माय गॉड, ओहोहो, आरती की थाली, आरती की थाली लाया जाए। आरती की थाली लाओ जल्दी जल्दी।’
उन्होंने हाथ जोड़ते हुए कहा, ‘बाप रे, इतने महान हैं गांधी परिवार वाले, आरती की थाली लाओ। उसमें चार लड्डू, बड़ा सा दीया, फूल माला लाओ। गांधी परिवार की आरती करूंगा मैं आज। गांधी वंश नहीं परंपरा है, गांधी साधारण परिवार नहीं वो तो भगवान है। भाईसाहब आरती की थाली दे दीजिए।’
इधर कांग्रेस नेता कह रहे थे, ‘गांधी निराशा का नहीं, गांधी नकारात्मकता का नहीं, गांधी नफरत का नहीं है। प्रधानमंत्री को आप समझाइएगा। मैं अभिभूत हूं, आपने शुरू के 10 मिनट तक उसी गांधी की आरती उतारी। आप भी खाइएगा प्रसाद, बिलकुल आरती करने योग्य है।’