आप सभी ने 1999 में आई फिल्म वास्तव तो शायद देखी होगी। जिसमें रीमा लागू मां के और संजय दत्त बेटे के किरदार में नजर आए थे। यह एक ऐसे बेटे की कहानी है जो नशे का आदि होने के साथ ही गुंडा बन जाता है। फिल्म के आखिरी तीन मिनट के सीन में संजय अपनी मां से कोकिन या घासलेट मांगते हैं। इसके लिए वो अपनी सोने की चेन, अंगूठी और बंदूक मां को बेचने के लिए देते हैं जिसे बेचकर वो नशे की चीजें उनके लिए ला सकें। इसके बाद वो अपनी मां से मुक्ति मांगता है और मां उसे गोली मार देती है। यह सीन ऐसा है जिसे देखकर हर किसी की आंखों में आंसू आ जाएंगे।

इस फिल्म को महेश मांजरेकर ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म को लेकर उनके पास एक याद है। जिसे आज याद करके वो दुखी हो जाते हैं। फिल्म निर्माता ने उस घटना को याद किया जब वो रीमा पर अपना आपा खो बैठे थे और आज उन्हें यह गलत लगता है। उन्होंने बताया- पहले हमने एक सीन की शूटिंग अंदर की थी। जहां संजू पूरे परिवार के साथ थे। यह उनकी मौत से पहले का सीन था। हमने इसे एक ही टेक में शूट कर लिया। इसके बाद दूसरे सीन के लिए हमने रीमा को बाहर शिफ्ट किया। जिसकी लाइटिंग वगैरह करने में थोड़ा समय लगा। जब शॉट रेडी हुआ और रीमा बाहर आई तो मैं उससे नाराज हो गया।

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दरअसल वो सो गई थीं। मैंने उससे कहा कि उसने ऐसा क्यों किया। यह उनका सीन था और सोने की वजह से उनकी आंखें सूज गई थीं और मैं इसे ठीक करना चाहता था क्योंकि वो अपने बेटे को मारने वाली थी। इसलिए हमने उनका मेकअप किया। मैं बहुत नाराज था। अब मुझे सोचकर लगता है मैंने गलत किया। इसे हमने देर रात को शूट किया था इसलिए हो सकता है कि वो सो गईं।

महेश और रीमा दोस्त थे और इसी वजह से दोनों ने कई प्रोजेक्ट में साथ काम किया था। मांजरेकर ने बताया- रीमा एक परिवार की तरह थीं। मेरे लिए वो एक्टर रीमा नहीं थीं। मैं डिनर या मीटिंग के लिए उनके घर जाया करता था। मेरा उनके साथ एक पर्सनल बॉन्ड था। वो एक बहुत विनम्र और शानदार शख्स थीं। उनमें खुद को लेकर किसी तरह की अकड़ नहीं थी।