सबसे प्रभावशाली भारतीय फिल्म निर्माताओं में से एक, राम गोपाल वर्मा का फिल्म जगत में बड़ा योगदा रहा है। RGV ने ‘रात’, ‘रंगीला’, ‘कौन’, ‘सत्या’, ‘कंपनी’, ‘सरकार’ और ‘रक्त चरित्र’ जैसी कई बेहतरीन फिल्में दी हैं। हालांकि,कुछ सालों में देखा गया है कि राम गोपाल वर्मा के फिल्में बनाने के तरीके में थोड़ा अंतर आ गया है। इस बारे में वर्मा ने हाल ही में दावा किया कि उनकी किसी भी फीचर फिल्म में वास्तव में सेक्शुअल कंटेंट नहीं है।
आरजीवी ने Galatta Plus से बात करते हुए कहा, “फिल्म, आखिरकार, कहानी कहने के बारे में है… यह पात्रों के बारे में है। मेरा मानना है कि फीचर फिल्मों में सेक्शुअल कल्पना बहुत ध्यान भटकाने वाली हो सकती है क्योंकि यह फिल्म के मुद्दे पर हावी हो सकती है।”
“फिल्मों में मैंने हमेशा इससे परहेज किया है। ‘भूत’ फिल्म में मैंने ऐसा किया था, जहां एक सीढ़ी पर अजय (देवगन) और उर्मिला (मातोंडकर) के साथ एक छोटा सा मेक-आउट सीन था। ऐसा करने का एकमात्र कारण यह था कि मैं एक डरावनी फिल्म के संदर्भ में यह दिखाना चाहता था कि पूरा घर उन्हें देख रहा था। इसके अलावा, मुझे एक भी ऐसी फिल्म याद नहीं है जिसमें मैंने ऐसा कुछ किया हो।”
उन्होंने आगे कहा कि वह भी सिनेमा को मनोरंजन के सोर्स के रूप में देखते हैं। “मनोरंजन शब्द का इस्तेमाल अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। यदि यह आपकी रुचि वाली चीज है तो यह आपको डरा सकती है या रोमांचित कर सकती है। आपको हंसा सकती है या रुला सकती है, चाहे कुछ भी हो और यदि आपमें ऐसी कोई भावना जगाती है, तो यह सच में एंटरटेनिंग है। यह आपको बोर नहीं कर रहा है।”
महेश भट्ट ने दिया था गुरु मंत्र
महेश भट्ट की एक टिप्पणी को याद करते हुए राम गोपाल वर्मा ने बताया कि भट्ट ने उन्हें पोर्न और इरोटिका के बीच अंतर बताया था। बैकलाइट और फ्रंट लाइट को कैसे इस्तेमाल किया जाता है ये बताया था। आरजीवी ने कहा कि एक्शन वही रहते हैं लेकिन लाइटिंग और कंपोजिशन होती है जो अंतर पैदा करता है।
