फिल्ममेकर महेश भट्ट की लव स्टोरीज की चर्चा अक्सर होती है। महेश भट्ट ने सबसे पहले लोरेन ब्राइट से शादी की जिन्हें किरण भट्ट के नाम से भी जाना जाता है। उसके बाद उनकी जिंदगी में परवीन बाबी की एंट्री हुई, उनसे ब्रेकअप के बाद महेश भट्ट ने सोनी राजदान से शादी की।
हाल ही में महेश भट्ट ने किरण भट्ट के साथ अपनी प्रेम कहानी को याद किया। उनकी मुलाक़ात तब हुई थी जब लोरेन सिर्फ़ 14 साल की थीं और अनाथालय में रहती थीं। उस समय महेश 16 साल के थे और उन्होंने अपने खून से लिखे खत दर्ज़ी के ज़रिये लोरेन तक पहुँचाए।
अपनी बेटी पूजा भट्ट के नए पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान भट्ट ने बताया- “मैं 16 साल का था, वो 14 की। वह अनाथालय में रहती थी क्योंकि उसकी मां के पास उसे बतौर डे-स्कॉलर पढ़ाने की क्षमता नहीं थी। मैंने पहली बार उसे बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल के गेट पर देखा। उसकी तरफ़ खिंचाव हुआ। कुछ दिनों बाद हिम्मत करके मैंने जाकर अपना परिचय दिया।”
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भट्ट ने बताया कि दोनों ने चिट्ठियों का आदान-प्रदान एक दर्ज़ी के माध्यम से शुरू किया। “वह स्कूल की यूनिफ़ॉर्म सिलता था। मैंने उससे कहा मेरी चिट्ठी पहुंचा दे। उसने कहा पकड़े जाने पर नौकरी जाएगी, लेकिन उसने मेरी मदद की। फिर लोरेन ने जवाब भी दिया। मैंने खून से खत लिखा और उसने भी खून से लिखा।”
दोनों पहली बार स्कूल की खाली क्लासरूम में मिले। लोरेन ने चौकीदार को पैसे देकर दरवाज़ा खुलवाया था। महेश खिड़की से अंदर घुसे। अंधेरा हो रहा था, तो लोरेन ने कहा- “चेहरा दिखाओ।” महेश ने माचिस जलाई और उसी रोशनी में उसे देखा। भट्ट बोले- “वो मेरी ज़िंदगी की सबसे खूबसूरत लड़की थी।”
लेकिन राज़ ज़्यादा दिन छिपा नहीं। दर्ज़ी की नौकरी चली गई और लोरेन को स्कूल से निकाल दिया गया। बाद में महेश ने अपने पिता के सिग्नेचर नकली बनाकर लोरेन के लिए वाईडब्ल्यूसीए में रहने का इंतज़ाम किया। इसके बाद लोरेन ने रिसेप्शनिस्ट और टेलीफोन ऑपरेटर की नौकरी शुरू की।
महेश ने कहा- “मैं सचमुच परीकथा जैसे प्यार में यक़ीन करता था, लेकिन फिर परवीन बाबी के साथ रिश्ते में पड़ गया। जब मैंने यह बात लोरेन को बताई तो आईने में खुद को देखकर सोचा- ‘तूने अपने पिता को हमेशा कोसा कि उन्होंने तेरी मां को ‘दूसरी औरत’ की तरह रखा। और तूने वही कर दिया।’”
कुछ समय बाद महेश और लोरेन का रिश्ता टूट गया। परवीन बाबी से अलग होने के बाद उन्होंने सोनी राज़दान से शादी कर ली। पूजा भट्ट ने याद किया- “जब लोगों ने सवाल किया कि इस शादी की इजाज़त किसने दी, तो मां खड़ी होकर बोलीं- ‘इजाज़त? मैंने इजाज़त दी। उसे मेरा आशीर्वाद है।’”
पूजा ने पिता की तारीफ़ करते हुए कहा- “बहुत कम मर्द ऐसे होते हैं जो एक बार किसी का हाथ थाम लें तो कभी छोड़ते नहीं। प्यार का रूप बदल जाता है, लेकिन ख़त्म नहीं होता। आज आप मां के लिए पिता जैसे हो गए हैं। उन्हें पता है कि वे हमेशा आप पर भरोसा कर सकती हैं। जब आपने मेरी नानी से कहा था कि आप उनकी बेटी का ख्याल रखेंगे, तो आज भी रखते हैं।”
इस बातचीत के दौरान महेश भट्ट भावुक होकर रो पड़े। पूजा ने कहा- “मुझे याद है जब आपने मेरे बिस्तर के पास बैठकर मुझे बताया कि आप एक और औरत से मिले हैं सोनी और आप उससे शादी करने जा रहे हैं और घर छोड़ देंगे। मुझे गर्व था कि आपने मुझे बराबरी का दर्जा दिया, क्योंकि आपने यह बात मुझे मां से पहले बताई।”
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