मैडम तुसाद म्यूजियम में यू तो अब तक कई नामचीन बॉलीवुड एक्टर्स के मोम के पुतले लगाए जा चुके हैं लेकिन यह पहली बार होगा जब क्लासिकल दौर की किसी मशहूर अदाकारा का पुतला इस म्यूजियम में लगेगा। मैडम तुसाद म्यूजियम ने 90 के दशक में लोगों को दिलों पर राज करने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री मधुबाला का पुतला बनाने का फैसला किया है। इस पुतले का रंग रूप फिल्म मुगल-ए-आजम में उनके किरदार अनारकली की शक्ल-ओ-सूरत का बनाया जाएगा। र्मिलन एंटरटेनमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक एवं निदेशक अंशुल जैन ने कहा, ‘‘मैडम तुसाद दिल्ली में मुधबाला की अनुकृति होने से हमें खुशी है। वह अब भी देश के लाखों लोगों के दिलों पर राज करती हैं।’’ अंशुल जैन ने कहा, ‘‘हमें यकीन है कि उनकी दिलकश खूबसूरती प्रशंसकों को उनके साथ सेल्फी लेने और खास लम्हा बिताने के लिये आर्किषत करेगी और उन्हें सिनेमा के उस सुनहरे दौर में ले जायेगी।

14 फरवरी 1933 को दिल्ली के पश्तून मुस्लिम परिवार में जन्मी मधुबाला अपने 10 भाई बहनों में पांचवी संतान थीं। उनके बचपन का नाम मुमताज़ बेग़म जहां देहलवी था। कहा जाता है कि एक ज्‍योतिषी ने उनके माता-पिता से कहा था कि मुमताज़ अत्यधिक ख्याति तथा सम्पत्ति अर्जित करेगी लेकिन उसका जीवन बहुत तकलीफों भरा होगा। यह बात सुन कर उनके पिता उन्हें लेकर दिल्ली से मुम्बई एक बेहतर जीवन की तलाश मे आ गए। मधुबाला ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म बसंत से सन् 1942 में की थी। जहां तक उनके नाम का सवाल है तो मुमताज ने अपना करियर बेबी मुमताज के नाम से शुरू किया था लेकिन बाद में उन्होंने इसे बदलकर मुमताज रख लिया। मुमताज अपने चेहरे के भावों से बातों को बयां करने में माहिर थीं उन्हें एक आदर्श भारतीय नारी के तौर पर पर्दे पर देखा जाता था।

(Photo Source: Express archive)
मधुबाला- 90 के दशक की सबसे खुबसूरत अभिनेत्रियों में से एक
मधुबाला- बॉलीवुड की खूबसूरत हीरोइनों में से एक मधुबाला ने 15 साल तक बॉलीवुड में कई हिट फिल्मों में काम किया। मुगल-ए-आजम को मधुबाला की सबसे यादगार फिल्मों में से एक माना जाता है। मधुबाला की साल 1969 में बीमारी की वजह से मौत हुई गई थी।

मालूम हो कि दिल्ली में मैडम तुसाद म्यूजियम की 22वीं शाखा है। इसकी स्थापना 1835 में मोम शिल्पकार मेरी तुसाद ने की थी। इसका मुख्यालय लंदन में है।