शुक्रवार 15 सितबंर को फरहान अख्तर की फिल्म लखनऊ सेंट्रल रिलीज हो गई है। इस फिल्म को कंगना रनौत की सिमरन से कड़ी टक्कर मिल रही है। इस वजह से यह सवाल उठना लाजिमी है कि फिल्म ने पहले दिन कितने रुपए कमाए। ट्रेड एनालिस्टिस ने फिल्म की कमाई को लेकर कुछ अंदाजा लगाया है। लेकिन अभी हमें आधिकारिक आंकड़ों का इंतजार करना पड़ेगी जिसके बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर फिल्म ने पहले दिन कितने रुपए की कमाई की।
इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम के साथ बातचीत में ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर ने बताया- मैं उम्मीद कर रहा हूं कि फिल्म शुक्रवार को 2 करोड़ रुपए कमा लेगी। ट्रेलर औसत था और इसी वजह से इसे लेकर एक्साइटमेंट लेवल कम हैं। रविवार तक अपेक्षा है कि फिल्म 7-8 करोड़ रुपए कमा लेगी। सबकुछ माउथ पब्लिसिटी पर निर्भर करता है। पिछले हफ्ते डैडी रिलीज हुई थी जोकि एक बायोपिक थी। फिल्म तो बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई लेकिन अर्जुन रामपाल की परफॉर्मेंस को काफी सराहा गया था। वहीं फरहान की फिल्म भी सच्ची घटनाओं पर आधारित है।
#LucknowCentral Fri ₹ 2.04 cr. India biz… Growth on Sat and Sun is crucial.
— taran adarsh (@taran_adarsh) September 16, 2017
A new Friday… But the story remains the same… New film releases open [morning + noon shows] to dull response.
— taran adarsh (@taran_adarsh) September 15, 2017
शुक्रवार सुबह केवल 10 प्रतिशत लोग सिनेमाघरों में मौजूद रहे। ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर ने इसे लेकर ट्विट भी किया। उन्होंने कहा- शुरुआती ट्रेंड्स सिमरन और लखनऊ सेंट्रल के शोज की शुरुआत 10 प्रतिशत से हुई। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने भी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने लिखा- एक नया शुक्रवार लेकिन कहानी सेम है। धीमी शुरुआत (सुबह+दोपहर) के साथ नई फिल्मों की शुरुआत। शाम को फिल्म को देखने आने वाले दर्शकों की संख्या में निश्चित तौर पर बढ़ोत्तरी हुई होगी। जिसकी वजह से उम्मीद है कि फिल्म ने 2 करोड़ के आस-पास की कमाई तो कर ही ली होगी।
Early trends …. 10% start in early shows to both #Simran & #LucknowCentral
— Girish Johar (@girishjohar) September 15, 2017
लखनऊ सेंट्रल के जरिए रंजीत तिवारी डेयरेक्शन में डेब्यू कर रहे हैं। यह फिल्म सपनों, नुकसान और जिंदगी में कैसे जीवित रहा जाए उसकी कहानी को बयां करती है। फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। कहानी की बात करें तो फिल्म पांच कैदियों के इर्द-गिर्द घूमती है जो आजाद होने का सपना देखते हैं। ट्रेलर में फरहान अख्तर कहते हैं- बंदे कैद होते हैं सपने नहीं, शहर छोटे होते हैं सपने नहीं।