एक जमाने में अनुराधा पौडवाल की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि लोग लता मंगेशकर की जगह उन्हें देखने लगे थे। अनुराधा पौडवाल की मधुर आवाज लोगों को बहुत पसंद आ रही थी लेकिन तभी उन्होंने हिंदी फिल्मों में गाना बंद कर दिया और वो भजन गायकी की तरह मुड़ गईं। अनुराधा पौडवाल ने 1976 की फिल्म कालीचरण से अपने प्लेबैक सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी। शशि कपूर और हेमा मालिनी की फिल्म आप बीती में उन्होंने अपना पहला सोलो गाया था।
70 का दशक ऐसा था जब पूरे सिंगिंग इंडस्ट्री पर लता मंगेशकर का दबदबा था, ऐसे में इस क्षेत्र में करियर बनाना अनुराधा पौडवाल के लिए बिलकुल आसान नहीं था। लेकिन जब मशहूर संगीतकार ओपी नैय्यर ने अनुराधा पौडवाल को सुना तो वो उनकी आवाज सुनकर दंग रह गए थे। उन्होंने कहा था कि अब लता मंगेशकर का जमाना गया। अनुराधा पौडवाल ने उन्हें रिप्लेस कर दिया है।
1983 की फिल्म हीरो में अनुराधा के गानों ने काफी लोकप्रियता बटोरी थी लेकिन फिर भी उन्हें इसका सही क्रेडिट नहीं मिला। इधर लता मंगेशकर को उनकी बढ़ती लोकप्रियता से असुरक्षा महसूस होने लगी थी। इसके अगले साल ही रेखा की फिल्म उत्सव के एक गाने के लिए अनुराधा पौडवाल को बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
इस बात से लता मंगेशकर और आशा भोंसले काफी असहज हो गईं थीं और दोनों ने म्यूजिक डायरेटर्स और फिल्ममेकर्स को कह दिया कि अगर किसी फिल्म में अनुराधा पौडवाल गाएंगी तो वो दोनों उस फिल्म में अपनी आवाज नहीं देंगी। इसके बाद कई संगीतकारों ने अनुराधा को अपनी फिल्म में गवाने से इंकार कर दिया।
बाद के वर्षों में अनुराधा जब अपने करियर के पीक पर थीं तब उन्होंने यह ऐलान किया कि अब वो बस टी सीरीज के लिए भजन गाएंगी। अनुराधा ने जब अपने प्लेबैक करियर की शुरुआत की थी तभी एक ज्योतिष ने उनसे कहा था कि वो भजन गायन में बहुत नाम कमाएंगी। तब तो उन्होंने इस बात को हल्के में लिया था लेकिन बाद में सच में भजन गायकी में उन्होंने बहुत अच्छा नाम कमाया।
टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार के साथ अनुराधा पौडवाल के अफेयर की खबरें भी आई थीं। अनुराधा पौडवाल के पति अरुण पौडवाल का जब निधन हुआ उसके बाद उनका नाम गुलशन कुमार से जोड़ा गया। हालांकि अनुराधा पौडवाल ने इन खबरों से इंकार कर दिया था।