कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते कहा कि हिजाब इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। छात्र अपनी स्कूल-कॉलेज की यूनिफॉर्म को पहनने से मना नहीं कर सकते। इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के बाद ट्विटर पर हलचल तेज हो गई है।

हर बड़े मुद्दे पर अपनी राय रखने वाले क्रिटिक और बॉलीवुड एक्टर कमाल आर.खान ने कर्नाटक कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। कमाल आर.खान ने ट्वीट करते हुए लिखा,” कर्नाटक हाईकोर्ट के मुताबिक लड़कियां स्कूल-कॉलेज में हिजाब नहीं पहन सकती हैं। हजारों लड़कियां इस फैसले के बाद पढ़ाई छोड़ देंगी। मुझे लगता है कि ये फैसला ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ का सहयोग नहीं करता है। कृ्प्या नोट कीजिए हिजाब केवल सिर को ठकने के लिए दुपट्टा है।”

इसके बाद दूसरा ट्वीट करते हुए केआरके ने लिखा, ”कर्नाकट हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य नहीं है। कैसे? कल कोर्ट कहेगा कि टोपी भी इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है। कुछ दिन बाद जज कहेंगे कि दाढ़ी भी इस्लाम का हिस्सा नहीं है। तो फिर भगवा कपड़े हिन्दू धर्म का हिस्सा कैसे हुए?”

कमाल आर. खान के ट्वीट के बाद यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एमजे नाम के एक यूजर ने लिखा, ”हिजाब, बुर्का और टोपी भारत में बैन नहीं है और कभी होंगे भी नहीं। लेकिन स्कूल-कॉलेजों,सशस्त्र बल और पुलिस बल में इन्हें पहनने की अनुमति नहीं है। हिजाब की अनुमति केवल जामिया, अमू और मदरसा जैसे इस्लामी शिक्षा संस्थानों में है।”

बेरोजगार अजीत नाम के यूजर ने लिखा, ” नहीं, भगवा हिंदू धर्म में अनिवार्य नहीं है। ये व्यक्ति की अपनी मर्जी है और स्कूल में इसकी अनुमति भी नहीं होनी चाहिए। केवल ड्रेस कोड होना चाहिए।” हर्षित ने लिखा, ”किसने कहा कि भगवा हिन्दू धर्म में अनिवार्य है?”

विशाल आर. ने लिखा, ”फैसला तुम्हारे हित में नहीं आया तो मिर्ची लग गई ना। नहीं तो संविधान-संविधान चिल्लाते रहते हो। देखो कोई हिजाब के खिलाफ नहीं है, लेकिन जहां ड्रेस कोड तय किया है उसका पालन करना चाहिए। आप जानबूझ कर योगीजी का हवाला देते हो, लेकिन दाढ़ी और टोपी वाले ओवेसी को भूल जाते हो।”