केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कोरोनावायरस से निपटने में जो भूमिका निभाई उसकी सराहना विश्व भर में हुई है लेकिन अब नए कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं मिली है जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मंगलवार की सीपीएम की एक मीटिंग हुई जिसमें यह फैसला हुआ कि नई सरकार में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अकेले पुराने मंत्री होंगे और बाकी सभी मंत्रियों की जगह नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। लेफ्ट पार्टियां जहां राजनीत में परिवारवाद का विरोध करती हैं, ऐसे में विजयन के दामाद पीए मोहम्मद रियाज़ को कैबिनेट में जगह मिली है। इसी घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने केरल की लेफ्ट सरकार पर तंज कसा है।
उन्होंने ट्विटर पर एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि अब लेफ्ट पार्टियां भी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही हैं। बाजपेयी ने ट्वीट किया, ‘क्या राइट क्या लेफ्ट..केरल के सीएम को भी दामाद पसंद है। सबसे लायक मंत्री शैलजा टीचर बाहर (टीचर के कोविड मॉडल को दुनिया ने सराहा)।’
सोशल मीडिया पर यूजर्स भी केके शैलजा को कैबिनेट में जगह न मिलने से नाराज़ दिखे। ताज हसन नाम से एक यूजर ने पत्रकार को जवाब दिया, ‘मुझे केके शैलजा का कोरोना मॉडल बेहद पसंद है और वो केरल की बेस्ट हेल्थ मिनिस्टर हैं।’
क्या राइट क्या लेफ़्ट…
केरल के सीएम को भी दामाद पसंद है
सबसे लायक़ मंत्री शैलेजा टीचर बाहर…(टीचर के कोविड मॉडल को दुनिया ने सराहा)
— punya prasun bajpai (@ppbajpai) May 18, 2021
वीकेयू नाम से एक यूजर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बाजपेयी को जवाब दिया, ‘सबको दामाद पसंद है। कांग्रेस ने दामाद को क्यों जमीन के कारोबार में उलझाकर रखा है।’ मिठड़ी नाम से एक यूजर लिखते हैं, ‘हमाम में सब नंगे हैं।’
आपको बता दें कि केरल की राजनीति में 45 सालों में यह पहली बार हुआ है जब सत्ता में कोई पार्टी दोबारा जीतकर वापस आई हो। केके शैलजा ने भी इस चुनाव में रिकॉर्ड वोटों के अंतर से जीत हासिल की है। कोविड के साथ साथ निपाह वायरस से लड़ने की उनकी रणनीति की भी खूब सराहना हुई है।
पेंडेमिक फाइटर कही जाने वाली केके शैलजा को कैबिनेट में जगह न मिलने से पिनराई विजयन पर सवाल भी उठ रहे हैं। बहरहाल, गुरुवार 20 मई को विजयन दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।