किशोर कुमार (Kishore Kumar) का नाम बॉलीवुड के बेहतरीन गायकों और एक्टर्स में से एक है। वो आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, मगर अपनी गायिकी और गानों की वजह से उनकी याद आज भी लोगों के जहन में बसी हुई है। वो इंडस्ट्री की ऐसी शख्सियत रहे हैं, जिनके रियल लाइफ के किस्से भी कमाल के रहे हैं। वो किसी फिल्मों की कहानी से कम दिलचस्प नहीं रहे हैं। उनके गाने और किस्से तो सदाबहार हैं। चलिए उनकी बर्थ एनीवर्सरी के मौके पर आपको उनके बारे में इंटरेस्टिंग किस्से बताते हैं…
बचपन में खुद को बेसुरा मानते थे किशोर कुमार
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त को मध्य प्रदेश के खंडवा में हुआ था। उनका असली नाम कुछ और था। बचपन में उनका नाम आभास कुमार गांगुली था। उनके पिता कुंजालाल गांगुली पेशे से वकील थे। उनकी मां बंगाली परिवार से आती थीं और वो हाउसवाइफ थीं। उनके 4 भाई-बहन अशोक, सीता देवी, अनूप थे, जिसमें किशोर दा सबसे छोटे थे। किशोर दा को बचपन से गायिकी में कोई शौक नहीं था। बल्कि उन्होंने खुद को एक इंटरव्यू में बेसुरा बताया था। उन्होंने बताया था कि उनकी आवाज बैठी हुई थी और जब भी वो कोई गाना गुनगुनाते थे तो बेसुरे सुनाई पड़ते थे।
रो-रोकर सुरीली की आवाज
किशोर दा ने एक बार बचपन का किस्सा शेयर करते हुए बताया था कि एक बार उनकी मां किचन में सब्जियां काट रही थीं और वो दौड़ते हुए मां के पास जाते हैं और इस दौरान उनके पैरों में चोट लग जाती है। उनका पैर हंसिए से कट जाता है। किशोर कुमार दर्द से कराह रहे होते हैं। वो जोर-जोर से रोने लगते हैं। ऐसे ही जब तक उन्हें चोट से आराम नहीं मिला तब तक वो हर रोज रोते रहे। घंटों रोने से उनके वोकल कॉर्ड्स पर इतना जोर पड़ा कि वो खुद ब खुद सुरीले हो गए। इस घटना को ही वो अपनी आवाज का श्रेय देते हैं।
लड़की बन गाया था लता मंगेशकर का गाना
किशोर दा में टैलेंट की कोई कमी नहीं थी। वो बेहतरीन सिंगर के साथ-साथ एक्टर भी थे। साथ ही गायिकी में उनके पास ऐसी कला थी कि वो मेल से लेकर फीमेल वॉइस तक में गाना गा सकते थे। एक बार तो उन्होंने लता मंगेशकर का गाना लड़की की आवाज में गा दिया था। ये किस्सा फिल्म ‘हाफ टिकट’ के दौरान का है। इसका गाना ‘आके सीधी लगी दिल पे तीखी नजरिया’ को किशोर कुमार और लता मंगेशकर को साथ में गाना था। वहीं, जब गाने की शूटिंग की जानी थी तो स्वर कोकिला काम के सिलसिले में बाहर गई हुई थीं और सलील चौधरी इस गाने की जल्द से जल्द शूटिंग कर लेना चाहते थे।
सलील चौधरी ने किशोर कुमार के हिस्से की रिकॉर्डिंग करने का फैसला किया। वहीं, लता मंगेशकर के हिस्से की जगह किशोर कुमार ने खुद आवाज बदलकर गाना गाया था। इस गाने को प्राण और लड़की बने किशोर कुमार पर ही फिलमाया गया था। ये सॉन्ग बेहतरीन शूट हुआ था और इसमें फिर लता मंगेशकर की जरूरत ही नहीं पड़ी।