बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी की बड़ी बहन खुशबू पाटनी इंडियन आर्मी में मेजर के पद पर थीं। उन्होंने 10 साल देश की सेवा की और फिर अचानक रिटायरमेंट ले लिया। आखिर क्यों? क्या वजह थी कि खुशबू जैसी मजबूत लेडी ने फौज को अलविदा कहा? ये कहानी सिर्फ आर्मी की नहीं, बल्कि खुशबू के आत्मबल, उनके ट्रॉमा और शानदार ट्रांसफॉर्मेशन की है। खुशबू पाटनी ने खुद इन बातों का जिक्र किया है। चलिए आपको बताते हैं।

जब बरेली छोड़कर ग्रेटर नोएडा आईं खुशबू पाटनी

जोश टॉक्स के दौरान खुशबू पाटनी ने बताया कि साल 2008 में जब वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ग्रेटर नोएडा आईं, तो यह उनके लिए किसी सपने जैसा था। बरेली जैसे छोटे शहर से निकलकर बड़े शहर में आना एक अलग ही दुनिया में कदम रखने जैसा था। लेकिन जल्द ही उन्हें ईव टीजिंग जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा।

उन्होंने बताया कि फर्स्ट ईयर में कुछ लड़के उनका पीछा करते थे, और धीरे-धीरे यह बढ़ते-बढ़ते हर जगह उनका पीछा करने तक पहुंच गया। शुरुआत में वो अकेले बाहर निकल जाती थीं, लेकिन फिर बिना दोस्तों के कहीं जाना छोड़ दिया। खुशबू ने एक डरावना वाकया शेयर किया- एक बार वह अपनी एक दोस्त के साथ बाहर थीं, तभी एक काली गाड़ी में सवार कई लड़कों का झुंड उनका पीछा करने लगा। उनमें से एक के पास पिस्टल भी थी। उस समय रात हो चुकी थी और कोई बस या ऑटो नहीं मिल रहा था। तभी उन्हें एक नया बना सरकारी महिला शौचालय दिखा और वो वहीं जाकर छिप गईं। रात के 1 बजे तक वह वहीं छिपी रहीं, फिर उनकी दोस्त उन्हें वहां से घर लेकर गईं।

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मर्द से नजरें मिलाने से भी डरने लगी थीं खुशबू

खुशबू ने बताया कि उस वक्त मेरी उम्र बहुत कम थी, लेकिन मैंने फैसला किया कि मैं विक्टिम नहीं बनूंगी। एक हफ्ते बाद मेरा एग्जाम था और मैंने पढ़ना शुरू कर दिया। खुशबू ने कहा, ”अब सोचती हूं कि मुझे तो उस वक्त रोना चाहिए था लेकिन मां काली का आशीर्वाद था कि मेरे अंदर अजीब सी शक्ति आ गई। हालांकि मन में मेरे खुद के अस्तित्व के लिए सवाल थे और उसका जवाब नहीं मिल रहा था। मेरे अंदर इतना डर था कि मैं किसी भी मर्द से नजर नहीं मिला पाती थी।”

खुशबू पाटनी के अंदर कब जागी आर्मी में जाने की चिंगारी

खुशबू ने बताया कि फोर्थ ईयर में एक यंग कैप्टन मेरे कॉलेज में आए, उन्होंने इंडियन आर्मी को प्रमोट किया और बच्चों को बता रहे थे कि क्यों उन्हें सेना में जाना चाहिए। खुशबू ने कहा कि वो वॉर की फोटो दिखा रहे थे, एक स्लाइड में मैंने महिला अफसर की फोटो देखी। फिर जन गण मन बजाया गया और मेरे अंदर एक शक्ति जाग गई, मुझे पता चल गया था कि मुझे बस यही करना है जिंदगी में, मुझे आर्मी में जाना है।

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खुशबू ने बताया कि जब उनके एग्ज़ाम में सिर्फ पांच महीने बचे थे, तब उन्होंने पूरी तरह पढ़ाई पर फोकस किया और एक अच्छी MNC में उनकी जॉब भी लग गई। घरवाले बहुत खुश थे, यहां तक कि मिठाई भी बंटवा दी गई थी। लेकिन उनके दिल में कुछ और ही चल रहा था। खुशबू ने कहा, “भगवान की कृपा थी कि मैंने एसएसबी की तैयारी शुरू की और परीक्षा देने चली गई। पहली ही बार में मेरा सिलेक्शन हो गया। ऑल इंडिया रैंक में भी मेरा नाम आया और फिर मैं इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग के लिए पहुंच गई।”

ऐसे हुई थी आर्मी की ट्रेनिंग

खुशबू ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान उनके बाल काटकर सिर्फ एक इंच रख दिए गए। वहां उन्होंने पहली बार असली बराबरी महसूस की- चाहे लड़का हो या लड़की, सभी के लिए एक जैसी सख्त ट्रेनिंग थी। उन्होंने लड़कों के साथ मुकाबला किया और इसी ने उनके भीतर आत्मविश्वास जगा दिया। खुशबू ने कहा, “मैंने वहां बहुत कुछ सीखा। ट्रेनिंग के बाद जब मैं लेफ्टिनेंट बनी, तो मुझे प्यार, सम्मान, इज्जत और एक नई ताकत मिली। वहां हम कभी विक्टिम नहीं होते थे, हम हमेशा सैनिक होते थे।”

खुशबू ने बताया कि उन्होंने 10 साल तक इंडियन आर्मी में सेवा दी और साल 2023 में मणिपुर दंगों के दौरान वहां तैनात थीं। उस समय उन्होंने एक मेजर के तौर पर पीसकीपिंग ऑपरेशन में हिस्सा लिया। वे अलग-अलग गांवों में गईं, लोगों से बातचीत की और उन्हें हिंसा छोड़ने के लिए समझाया। कई बच्चों को रेस्क्यू किया और जब उनसे बात की, लेकिन वो अंदर से खुश नहीं रह पा रही थीं, उनके मन में आने लगा कि वो इन लोगों की पूरी तरह मदद कर पा रही हैं। खुशबू ने कहा, “सेना ने मुझे बहुत कुछ दिया, लेकिन उसकी एक सीमा थी। मैं उस दायरे से बाहर जाकर इन लोगों को मेंटल सपोर्ट नहीं दे पा रही थी।” उन्हें लगा कि उनका दस साल का सफर अब पूरा हो चुका है और अब नए सफर पर जाने का समय आ गया है।

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खुशबू पाटनी ने क्यो छोड़ी आर्मी?

खुशबू ने बताया कि उनके घरवाले पहले उन्हें फौज में भेजने के पक्ष में नहीं थे, और फिर जब उन्होंने सेना छोड़ने का फैसला किया, तब भी वे खुश नहीं थे। लेकिन अब मुझे अपने पंख मिल चुके थे और आत्मविश्वास पूरी तरह जाग चुका था। 34 साल की उम्र में मैंने करियर स्विच करने का फैसला लिया। इसके बाद मैंने काउंसलिंग और फिटनेस कोच बनने की राह चुनी, क्योंकि यही मेरे दिल की आवाज़ थी। खुशबू ने बताया कि उन्होंने काउंसलिंग और फिटनेस के लिए सर्टिफिकेशन किया और फिर बतौर काउंसलर और फिटनेस कोच काम शुरू किया। उन्होंने कहा, “अब मैं बहुत खुश हूं। मुझे अलग-अलग लोगों से बात करने का मौका मिलता है, उन्हें मेंटल सपोर्ट देती हूं। जो सपोर्ट मुझे उस वक्त नहीं मिला था, वो मैं अब दूसरों को देना चाहती हूं।”