फिल्ममेकर करण जौहर इस वक्त अपने शो ‘कॉफी विद करण’ को लेकर काफी चर्चा में हैं। ये शो 26 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। करण अक्सर अपनी लाइफ के बारे में खुलकर बात करते हैं, चाहे वह उनकी सेक्शुएलिटी हो या रिलेशनशिप स्टेटस। करण हर बात खुलकर करते हैं। हाल ही में करण ने बताया कि बचपन में वह अपने बोर्डिंग स्कूल में ट्रॉमा झेल चुके हैं। उन्होंने अपनी तुलना आमिर खान की फिल्म ‘तारे जमीन पर’ के दर्शिल सफारी वाले किरदार से की है।

करण जौहर ने हाल ही में निखिल तनेजा को इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने अपने जीवन के बारे में काफी खुलासे किए। बचपन के बारे में बात करते हुए करण ने बताया कि वह बाकी बच्चों के साथ घुलने मिलने के लिए कूल दिखने की कोशिश करते थे। जब वह पहले दिन बोर्डिंग स्कूल गए थे उनकी रैगिंग हुई थी, जिसका उनके मन पर बुरा असर बड़ा था।

करण ने बताया कि उन्होंने अपने क्लास के बच्चों के बीच अच्छा दिखने के लिए मैडोना को अपना फेक आइकन बनाया था। फिल्म निर्माता ने कहा कि खाना उनके लिए खाना ही उन्हें संतुष्ट करता था। वह ‘कभी खुशी कभी गम’ के ‘लड्डू’ थे। वह अपने जूतों के फीते नहीं बांध पाता था क्योंकि उसका पेट बीच में आ जाता था। करण ने बताया कि वह खाने को ही अपना दोस्त मानने लगे थे,वह ज्यादातर समय खाते रहते थे।

करण जौहर ने मजाक उड़ाए जाने के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें लगता था कि दुनिया उन पर फिदा है और वह दूसरे शहर के दूसरे स्कूल में जाना चाहते थे। उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता ने कहा कि तुम बोर्डिंग में क्यों जाना चाहते हो? तुम यहां बहुत सेफ हो। क्या तुम मैनेज कर पाओगे?”

जौहर ने आगे कहा कि वह नई शुरुआत करना चाहते हैं और सभी को अलविदा कहना चाहते हैं। वह पंचगनी में अपने बोर्डिंग स्कूल के लिए निकल गए, जहां आमिर खान और दर्शील सफारी की फिल्म की शूटिंग हुई थी। बोर्डिंग स्कूल में पहला दिन करण जौहर के लिए काफी मुश्किल था। फिल्ममेकर ने बताया कि उनकी रैगिंग ली गई थी, उनसे अजीबो गरीब सवाल किए गए थे।

रैगिंग के बारे में बात करते हुए, करण जौहर ने बताया कि उनके सीनियर्स ने उन्हें बाथरूम के अंदर बंद कर दिया था। करण ने बताया कि इस घटना से वह बहुत दुखी हो गए थे और असेंबली के बीच में जोर-जोर से चिल्लाने लगे थे। जिसके बाद प्रिंसिपल को सब पता चला। करण ने बताया कि इस घटना के बाद उनके पिता यश जौहर उनसे मिलने स्कूल आए थे और उन्हें देख वह रोने लगे थे। वह घर जाना चाहते थे। उन्होंने पिता से कहा था कि वह ‘तारे जमीन पर’ के दर्शिल की तरह ही अपने पिता को देख उनके पास भागे थे।