सनी देओल ने भले ही फिल्म ‘बेताब’ से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन ‘घायल’ उनके करियर की सबसे हिट फिल्मों में से एक थी। इस फिल्म के बाद सनी देओल को एक्शन हीरो की पहचान मिली। घायल को धर्मेंद्र ने प्रोड्यूस किया था। इसी तर्ज पर सनी देओल ने साल 2019 में फिल्म ‘पल-पल दिल के पास’ को डायरेक्ट की थी। ये सनी के बेटे करण देओल की डेब्यू मूवी थी। एक इंटरव्यू के दौरान करण देओल ने बताया था कि वह स्कूल से निकलते ही एक्टर बनना चाहते थे और उन्होंने पिता को भी इस बारे में बता दिया था।
करण देओल ने बताया था, ‘मैंने स्कूल से पास होते ही पापा को बोल दिया था कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं। पापा ने कहा था कि फिल्मों का एक ही नज़रिया या पहलू नहीं होता है। एक्टर बनने के बाद आपको बहुत विरोध झेलना होता है। पापा बोले थे कि करण तुम ये बिल्कुल उम्मीद नहीं कर सकते कि तुम्हारी हर फिल्म हिट होगी। कई बार फिल्में काम नहीं करती हैं तो क्या तुम उसे झेल पाओगे और आगे निकल पाओगे। मैंने कभी इसका तनाव नहीं लिया और आगे ही बढ़ा।’
जब करण देओल के साथ स्कूल में हुई थी मारपीट: ‘The Kapil Sharma Show’ में करण देओल ने बताया था, जब मैं स्कूल में पढ़ाई करता था तो मेरे साथ भी कई बार रैगिंग जैसा होता था। इस बीच धर्मेंद्र कहते हैं, ऐसा हर स्टार किड के साथ होता है। अक्सर स्टार किड्स इसलिए बाहर पढ़ाई करने के लिए भी भेजे जाते हैं। करण को स्कूल में कुछ लड़कों ने उठाकर फेंका और बोले सनी का बेटा है तो उठकर दिखा। इसने परेशान होकर आप बीती ट्विटर पर लिखी और मुझे बहुत गुस्सा आया था।
कितने रीटेक लेते थे सनी देओल: फिल्म सुपरहिट होने के लिए एक्टर और डायरेक्टर के बीच तालमेल होना बहुत जरूरी होती है। ‘द लल्लनटॉप’ के साथ बातचीत में सनी देओल ने कहा था कि उनकी कई डायरेक्टर्स के साथ दोस्ती अच्छी रही है। कई बार तो ऐसा भी होता था कि एक शॉट को पूरा करने के लिए 40 रीटेक तक भी हो जाते थे। लेकिन कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि डायरेक्टर को ये बात बहुत चुभी हो। अनिल शर्मा से तो मेरी बॉन्डिंग बहुत अच्छी थी।