चेंबूर के बने मशहूर आर.के स्टूडियो को बेचने की तैयारी हो रही है। राज कपूर की पत्नी कृष्णा राज कपूर, रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, रितु नंदा और रीमा जैन ने मिलकर ये फैसला लिया है। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक,  70 सालों के बाद इस स्टूडियो को बेचा जा रहा है। कपूर परिवार इस स्टूडियो को बेचने के लिए बिल्डर्स, डेवलपर्स और कॉर्पोरेट्स से लगातार संपर्क बना रहा है। 63 साल की उम्र में राज कपूर के निधन के बाद अब ये फैसला लिया गया है।

ऋषि कपूर ने कहा है कि, ‘एक समय पर हमने इस स्टूडियो को रेनोवेट कराया था लेकिन हर बार ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता कि सारी चीजें आपके हिसाब से ही हों। हम सभी इस बात से बेहद दु:खी हैं। आग लगने से पहले भी आर के स्टूडियो के हालात अच्छे नहीं थे। काम बेहद कम था और फिल्मों, टीवी सीरियल्स और एड शूट्स की जो डिमांड आती थी, वे लोग फ्री पार्किंग स्पेस, एयर कंडीशनिंग और डिस्काउंट्स की मांग करते थे।’

गौरतलब है कि एक साल पहले 16 सितंबर को दो एकड़ में बने इस स्टूडियो में आग लग गई थी, जिसके कुछ हिस्से बुरी तरह जल गए थे। ऋषि कपूर ने उस दौरान ट्वीट भी किया था। एक वजह इस स्टूडियो को बेचने की ये भी है कि इस स्टूडियो में काम बेहद कम हो गया है क्योंकि अंधेरी या फिर गोरेगांव में लोकेशन आसानी से उपलब्ध है और इस स्टूडियो के दूर होने के चलते भी लोग यहां आने से कतराते हैं। इस स्टूडियो में राज कपूर 90 फीसदी फिल्मों का निर्माण किया करते थे लेकिन आज इसकी हालत ठीक नहीं है।

गौरतलब है कि आरके फिल्म्स ने बरसात(1949), आवारा(1951), बूट पॉलिश(1954), श्री420 (1955) और जागते रहो (1956) जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस किया है। इस स्टूडियो में जिस देश में गंगा बहती है (1970), मेरा नाम जोकर (1970), बॉबी, सत्यम शिवम सुंदरम (1978), प्रेम रोग (1982) और राम तेरी गंगा मैली (1985) जैसी फिल्मों का निर्माण हुआ है। फिल्म बॉबी के साथ ही ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी।


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