कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ लंबे समय से रिलीज का इंतजार कर रही है, मूल रूप से 6 सितंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म को पोस्टपोन करना पड़ा था क्योंकि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया था। जिसके बाद फिल्म की टीम ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया और हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड को निर्देश दिया था कि 25 सितंबर तक फिल्म के सर्टिफिकेशन को लेकर फैसला करे। अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि उनकी संशोधन समिति ने कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को रिलीज से पहले कुछ कट लगाने का सुझाव दिया है।

सीबीएफसी ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड की याचिका का जवाब दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बोर्ड “अवैध रूप से” और “मनमाने ढंग से” फिल्म का सर्टिफिकेशन रोक रहा है। इस फिल्म का निर्देशन और सह-निर्माण बीजेपी सांसद रनौत ने किया है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका भी निभा रही हैं।

याचिकाकर्ता जी एंटरटेनमेंट का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कट लगाने के बारे में फैसला लेने के लिए समय मांगा। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार, 30 सितंबर को तय की है।

हाईकोर्ट ने 19 सितंबर को बोर्ड को निर्देश दिया था कि वह फिल्म रिलीज करने के बारे में 25 सितंबर तक फैसला ले, क्योंकि सर्टिफिकेशन में देरी फ्रीडम ऑफ स्पीच पर अंकुश है। सीबीएफसी ने उस समय कोर्ट से कहा था कि उसे एक व्यक्ति द्वारा राजनीतिक दलों के साथ “सौदा करने” वाले सीन्स का फैक्ट के साथ रिव्यू करना है। 4 सितंबर के फैसले में, हाईकोर्ट ने कहा कि वह सिख समूहों की याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के कारण इमरजेंसी का सर्टिफिकेशन जारी करने के लिए सीबीएफसी को निर्देश देने में असमर्थ है।

कंगना रनौत और उनके सह-निर्माताओं को कथित तौर पर “सिख समुदाय के चरित्र और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने” के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) से कानूनी नोटिस का सामना भी करना पड़ा है।