अपने ज़माने की दिग्गज अभिनेत्री तनूजा की बेटी काजोल कभी एक्ट्रेस नहीं बनना चाहतीं थीं। वो अपनी मां को काम करते देखतीं तो उन्हें लगता कि फिल्म में काम करने वाले लोगों को बहुत अधिक काम करना पड़ता है इसलिए वो कभी फ़िल्में नहीं करेंगी बल्कि ऐसा कोई काम करेंगी जिसमें कम काम करना पड़े। काजोल ने इस बात का ज़िक्र अनुपम खेर के शो, ‘द अनुपम खेर शो’ में किया था।

उन्होंने बताया था, ‘मैं एक्ट्रेस नहीं बनना चाहती थी। मुझे ऐसा लगता था कि फिल्म में काम करने वाले लोग बहुत ज्यादा काम करते हैं। तो मुझे एक ऐसे जॉब में जाना था जहां पर मुझे इतना काम नहीं करना पड़े। लेकिन परिस्थितियां ऐसी थीं कि मुझे ये करना पड़ा। फिल्म इंडस्ट्री में मैं मजाक-मजाक में आ गई।’

काजोल ने बताया कि जब वो कॉलेज में थीं तभी निर्देशक राहुल रवैल उनके पास ‘बेखुदी’ का ऑफर लेकर आए थे। उन्होंने मस्ती में कह दिया कि वो फिल्म कर रहीं हैं। काजोल के अनुसार, वो कॉलेज में कुछ खास नहीं कर रहीं थीं इसलिए उन्होंने सोचा कि एक फिल्म ही कर लेते हैं। लेकिन जब उनकी पहली फिल्म का मुहूर्त हुआ तब उनके पिता ने कहा कि एक बार अगर चेहरे पर फिल्म का मेकअप लग जाए तो जीवन भर नहीं उतरता।

दरअसल अनुपम खेर ने काजोल से कहा था, ‘आपके पिता ने बेखुदी के मुहूर्त पर आपसे कहा था कि एक बार अगर ये ग्रीज पेंट लग गया तो ये जीवाभर तुम्हारे चेहरे पर लगा रहेगा, पीछा नहीं छूटेगा।’ काजोल ने उनकी बात पर कहा था, ‘हां उन्होंने मुझसे ये कहा था। लेकिन उस वक़्त मैंने कहा कि नहीं, क्या बकवास है ये। मैं जब चाहूं अपना चेहरा धो सकती हूं। मैं ऐसी नहीं हूं।’

काजोल की पहली फिल्म ज्यादा सफल नहीं रही लेकिन इसके अगले साल 1993 में आई फिल्म ‘बाज़ीगर’ ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई। इस फ़िल्म के दो सालों बाद ही शाहरुख़ खान के साथ आई उनकी फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ ने जबरदस्त सफलता हासिल की और दोनों ही बड़े स्टार्स बन गए।