CineGram: “कोई बर्फ़ लेकर आओ!” आमिर खान ने ज़ोर से चिल्लाये। उनके चेहरे पर घबराहट साफ झलक रही थी। उनकी फिल्म “जो जीता वही सिकंदर” के क्लाइमैक्स की शूटिंग चल रही थी। अचानक एक अनहोनी हो गई- आयशा जुल्का के माथे पर चोट लग गई थी, और खून बह रहा था। यह हादसा फिल्म की अंतिम रेस के दौरान हुआ, जब आयशा जुल्का का सिर एक बांस की बल्ली से टकरा गया। सिनेग्राम में आज हम आपको बता रहे हैं आमिर खान और आयशा जुल्का की फिल्म जो जीता वही सिकंदर के सेट से जुड़ा किस्सा। जो जीता वही सिकंदर के क्लाइमैक्स की शूटिंग के दौरान सेट पर ये दुर्घटना हुई और जिस बांस की बल्ली से आयशा का सिर टकराया दुर्भाग्यवश, उस बल्ली में से एक कील निकली हुई थी, और आयशा का माथा उसी कील पर जा लगा। टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि खून की धार फूट पड़ी।
आमिर खान ने की आयशा की देखभाल
जैसे ही आमिर खान ने आयशा की हालत देखी तुरंत उन्होंने असिस्टेंट से बर्फ़ मंगवाई और जल्दी से रुमाल में लपेटकर आयशा के माथे पर रख दी, ताकि खून का बहाव रोका जा सके। लेकिन बर्फ़ से कोई खास असर नहीं हुआ। आमिर घबरा गए जोर-जोर से डॉक्टर को बुलाने को कहने लगे, जब मदद नहीं मिल पाई तो उन्होंने बिना समय गंवाए आयशा को गाड़ी में बिठाया और हॉस्पिटल की ओर भागे। आमिर और फिल्म की टीम ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल पहुंचे। फिल्म के प्रोड्यूसर नासिर हुसैन भी तुरंत वहां आ गए और डॉक्टर से गुज़ारिश की कि आयशा की चोट का बेहतरीन इलाज किया जाए, ताकि उनके चेहरे पर कोई निशान न रह जाए। डॉक्टर्स ने तुरंत आयशा का इलाज शुरू किया। उन्हें टांके लगाने पड़े, और करीब एक घंटे तक सर्जरी चली। डॉक्टर ने सलाह दी कि उन्हें कम से कम तीन दिन बेड रेस्ट करना चाहिए। मगर आयशा झुल्का जानती थीं कि यह संभव नहीं था।
आयशा ने चोट के बावजूद किया काम
“जो जीता वही सिकंदर” की क्लाइमैक्स रेस को शूट करने के लिए स्टेडियम केवल एक दिन के लिए बुक था। अगर शूटिंग उस दिन पूरी नहीं होती, तो फिर से स्टेडियम मिलना मुश्किल हो सकता था। आयशा जानती थीं कि मंसूर खान के लिए यह कितना महत्वपूर्ण था। इसलिए, तीन घंटे बाद ही, उन्होंने सेट पर वापसी की। हालांकि, उनकी चोट साफ़ दिख रही थी, इसलिए डायरेक्टर मंसूर खान ने उन्हें एक लाल टोपी पहनने के लिए दी। अगर आप फिल्म का क्लाइमैक्स ध्यान से देखेंगे, तो पाएंगे कि शुरुआत में आयशा के सिर पर टोपी नहीं है, लेकिन बाद में अचानक वह लाल टोपी पहन लेती हैं। यह वही टोपी थी जो उनकी चोट को छिपाने के लिए इस्तेमाल की गई थी।
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आमिर खान ने किया आयशा के साथ प्रैंक
आमिर खान सेट पर अपने शरारती अंदाज के लिए भी जाने जाते थे। एक दिन उन्होंने आयशा से कहा, “मैं तुम्हारे लिए गिफ्ट लाया हूं!” आयशा पहले तो झिझकीं, क्योंकि उन्हें अंदाजा था कि आमिर अक्सर मज़ाक करते रहते हैं। लेकिन जब आमिर ने एक डिब्बा आगे बढ़ाया और कहा कि इसमें “चूड़ियां” हैं, तो आयशा मान गईं। जैसे ही उन्होंने डिब्बा खोला, उसमें से ज़िंदा कॉकरोच निकल आए! आयशा डर के मारे ज़ोर से चिल्लाईं और डिब्बा फेंक दिया। इस पर आमिर ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगे और भाग खड़े हुए। आयशा भी उनके पीछे भागीं, लेकिन उन्हें पकड़ नहीं पाईं।
आमिर Vs आयशा- ‘खूबसूरत’ शब्द की स्पेलिंग पर बहस
सेट पर एक और मजेदार घटना हुई जब आमिर और आयशा के बीच हिंदी शब्दों की स्पेलिंग को लेकर एक छोटी प्रतियोगिता रखी गई। जब शब्द ‘खूबसूरत’ लिखा गया, तो आमिर ने गलती से इसे ‘खुबसुरत’ लिख दिया। जब उनकी गलती पकड़ी गई, तो बजाय इसे स्वीकार करने के, आमिर ने मज़ाक में कहा, “अगर कोई बहुत सुंदर हो तो उसे ‘खूबसूरत’ लिखते हैं, और अगर कोई थोड़ा कम सुंदर हो, तो ‘खुबसुरत’!”
इस बात पर पूरी टीम ज़ोर-ज़ोर से हंस पड़ी, और फिर सेट पर यह शब्द मज़ाक का हिस्सा बन गया।
‘जो जीता वही सिकंदर’- एक एवरग्रीन फिल्म
फिल्म 14 मई 1992 को रिलीज़ हुई और सुपरहिट रही। इसने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया बल्कि आज भी इसे बेस्ट स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्मों में गिना जाता है।
क्या आप जानते हैं?
- इस फिल्म के लिए पहले फराह नाज़ को कास्ट किया गया था, लेकिन बाद में उनकी जगह आयशा जुल्का को लिया गया।
- फिल्म के गाने ‘पहला नशा’ को एक ही टेक में शूट किया गया था। यह हिंदी सिनेमा के कुछ “वन-टेक” सॉन्ग्स में से एक है।
आमिर खान- बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट
14 मार्च 1965 को जन्मे आमिर को बॉलीवुड का “मिस्टर परफेक्शनिस्ट” कहा जाता है। उनकी कुछ फिल्में भले ही असफल रही हों, लेकिन “जो जीता वही सिकंदर”, “लगान”, “दंगल”, “3 इडियट्स” और “रंग दे बसंती” जैसी फिल्मों ने उन्हें हमेशा के लिए एक ‘एवरग्रीन स्टार’ बना दिया है।