पिछले दिनों गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पर उनके एक ट्वीट को लेकर करारा प्रहार किया था। सुब्रमण्यम ने ट्वीट किया था, ‘ऑस्ट्रिया में 7 मस्जिद बंद हो गए और 60 इमाम निकाले गए।’ जावेद ने पलटवार करते हुए लिखा था कि ‘जैसे तुम्हें हार्वर्ड से निकाल फेंका था? तुम ये डिजर्व करते थे।’ जावेद अख्तर ऐसा बोल ट्रोल के निशाने पर आ गए। एक ट्रोल ने सुब्रमण्यम को जावेद अख्तर से अधिक बुद्धिमान और सम्मानित बताते हुए इंदिरा गांधी द्वारा लगाए आपातकाल का समर्थक तक कह दिया। ट्रोल ने लिखा, ‘वह आपसे अधिक बुद्धिमान, अधिक सम्मानित, अधिक शिक्षित है। आप इंदिरा गांधी के आपातकाल के समर्थक हैं।’

ट्रोल द्वारा लगाए इस आरोप पर जावेद अख्तर काफी भड़क गए और उन्होंने उससे सबूत तक मांग लिए। जावेद अख्तर ने लिखा, ‘क्या आपके पास मेरे किसी भी इंटरव्यू, किसी भी बयान या किसी भी कोट की सबूत कॉपी है कि मैं इमरजेंसी का समर्थक था। आप मेरे खिलाफ कोई सच क्यों नहीं ढूंढ लाते। इसके बारे में सोचिए।’ एक और ट्रोल ने जावेद अख्तर पर हमला करते हुए लिखा, ‘तुम कबाब में हड्डी क्यों बनते हो हमेशा?’ जावेद अख्तर ने इस ट्रोल को तंजभरे लहजे में जवाब दिया। उन्होंने लिखा, ‘ कबाब में हड्डी अच्छी नहीं लगती?? चलिए ये तो पता चला कि आप नॉन वेजीटेरियन हैं।’

जावेद अख्तर के इस जवाब के पर लोगों के कई रिएक्शन आ रहे हैं। कोई उनकी बात को सपोर्ट कर रहा है तो कोई ट्रोल की बात पर समर्थन जता रहा है। एक यूजर ने जावेद अख्तर को सपोर्ट करते हुए ट्रोल को जवाब दिया, ‘अपने माता-पिता से भी ऐसे बात करते हो।’ एक यूजर ने लिखा, ‘जावेद साहब ने इंटेलिजेंस पर कुछ नहीं बोला। क्योंकि वो बात उनको भी पता है। बाकी आप इमरजेंसी वाला झूठ उनके बारे में मत फैलाओ यार।’

एक ट्रोल ने जावेद अख्तर को नास्तिक बताते हुए सुब्रमण्यम की बात को सपोर्ट करने को कहा। उसने लिखा, ‘आप तो नास्तिक हैं। आपको फैसले का समर्थन करना चाहिए।’ गीतकार ने इसपर लिखा, ‘बेशक, मैं पूरे दिल से फैसले का समर्थन करता हूं। मेरे संदेश को फिर से पढ़ें। मैं कट्टर मुल्लाओं का बचाव नहीं कर रहा था, लेकिन केवल इस बात की ओर इशारा कर रहा था कि बर्तन केतली को काला बता रहा है। स्वामी को खुद उनकी कट्टरता के लिए हार्वर्ड से बाहर निकाल दिया गया था। ऐसे में उन मुल्लाओं और उनके बीच कोई अंतर नहीं है।’