Javed Akhtar: बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर ने एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने एकता की बात करते हुए लिखा कि लोगों के पास अलग अलग धर्म की धार्मिक किताबें हैं। लेकिन एक धार्मिक किताब हर भारतीय के लिए होनी चाहिए। ‘द कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया’चलें इसे प्रोटेक्ट करें, जयहिंद। जावेद अख्तर के इस पोस्ट को देख कर कई लोग उन्हें जवाब देने लगे।
जावेद अख्तर की इस बात पर कई लोग आपत्ति जताते हुए दिखाई दिए। एक यूजर ने जावेद अख्तर के पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए कहा- ‘एक देश की कॉन्स्टिट्यूशन बुक धार्मिक किताब कैसे बन सकती है? धार्मिक किताबें इंसानों ने नहीं बनाई हैं। लेकिन कॉन्स्टिट्यूशन की किताबें गलत भी और बदली भी जा सकती हैं।’
एक यूजर ने लिखा- ‘नहीं, संविधान धार्मिक किताब नहीं बन सकती। इसे प्रोटेक्ट करने की भी जरूरत नहीं है। यह इवॉल्वऔऱ चेंज के लिए बनी है। नहीं तो ये भी एक ऐसी किताब बन जाएगी जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा।’ योगेश नाम के एक यूजर ने लिखा- ‘लोकसभा और राज्यसभा में कानून pass हो जाता है और संविधान बन जाता है फिर भी कुछ हठीले लोग मानते नहीं और protest कर के देश के विकास में रोड़े डालते हैं, करें तो क्या करें?’
एक ने कहा- आज #MumbaiTerrorAttack की बरसी भी है। जिसमें शहीद #TukaramOmble ने अपनी जान देकर कसाब को जिंदा पकड़ा था, उनको भी याद कर लेते! क्या प्रॉब्लम है? तो किसी ने जावेद अख्तर की पोस्ट का जवाब दिया- ‘लेकिन यहां परेशानी है, इतनी सारी धार्मिक किताबें हैं, अगर एक ही हो जाएगी तो फिर बाकी धर्मों की किताब की जरूरत नहीं है।’
How come constitution of a country become a holy book? Holy book isn't human made while constitution book can be wrong and amendments are always possible into it.
— Nida Khan Yousufzai (@NidaYousufzai) November 26, 2020
जावेद के पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट कर कहा- आप यहां गलती कर रहे हैं। आप लोगों के लिए कुरान है। तो किसी ने लिखा- ‘यह तो पता ही नहीं था, आतंकवादियों को दी गई किताब पढ़नी चाहिए अब शायद उनका कल्याण हो जाए 72 छोड़कर 75 के चक्कर में पड़ जाए।’