CineGram: दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर के गुस्सैल स्वभाव के बारे में हर कोई जानता है और अगर वो किसी से बैर पाल लेते थे तो मजाल है कि वो मान जाएं। अपनी किताब ‘खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड’ में ऐसा ही नाराजगी का एक किस्सा अभिनेता ने लिखा था। जिसमें उन्होंने गीतकार जावेद अख्तर से अपना नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने लिखा था जावेद अख्तर ने उनके पिता राज कपूर पर गीतकार शैलेंद्र की अचानक हुई मौत का आरोप लगाया था। इस बात से ऋषि काफी आहत थे और चाहते थे कि जावेद सार्वजनिक तौर पर उनके पिता से माफी मांगे।
ऋषि कपूर इस बात से काफी परेशान थे क्योंकि जब राज कपूर पर ये आरोप लगा तब वो अपना बचाव करने के लिए जिंदा नहीं थे। बता दें कि शैलेंद्र ने राज कपूर के साथ कई फिल्मों में काम किया था और दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे।
ऋषि ने अपनी किताब में बताया कि शैलेन्द्र को समर्पित एक टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान जावेद ने राज कपूर पर आरोप लगाया था। ऋषि ने अपनी किताब में लिखा, “जावेद ने मेरे पिता को गीतकार की मौत के लिए आरोपी ठहराया। मैं समझ नहीं पाया कि ऐसा क्यों कहा। शायद यह एपिसोड को मसालेदार बनाने के लिए किया था। बहुत से लोगों ने मुझसे कहा है कि मेरे पिता के बारे में उनके मन में हमेशा शिकायत रहती है।”
ऋषि ने जावेद के आरोपों को याद करते हुए किताब में ये भी बताया कि ऐसा क्यों हुआ था। फिल्म ‘तीसरी कसम’ के कारण हुआ था। जिसे शैलेन्द्र ने प्रोड्यूस किया था और इसमें राज कपूर और वहीदा रहमान ने अभिनय किया था। “जावेद ने दावा किया था कि शैलेन्द्र की मृत्यु उनकी फिल्म ‘तीसरी कसम’ (1966) के दौरान बढ़े कर्ज के कारण हुई, जिस फिल्म में मेरे पिता ने काम किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पापा ने फिल्म में देरी की जिसके कारण शैलेन्द्र पर कर्ज बढ़ गया। मुझे आश्चर्य है कि वह किस कर्ज का जिक्र कर रहे थे क्योंकि मेरे पिता ने हर चीज के लिए भुगतान किया था और उन्हें फिल्म के लिए भी भुगतान नहीं किया गया था। यहां तक कि उन्होंने अपने पैसे से फिल्म पूरी भी की।”
उन्होंने आगे कहा कि राज ने वास्तव में शैलेन्द्र का कर्ज चुकाया था। “मेरे पिता ने शैलेन्द्र के अस्पताल के बिलों का भुगतान करने का जिम्मा उठाया और उनके सभी कर्ज चुका दिए। मैंने आरके के साथ काम करने वाले सभी वरिष्ठ लोगों से इसकी जांच की है, मैंने अपनी मां से इसके बारे में पूछा है, मैंने उस समय आसपास मौजूद सभी लोगों से पूछताछ की है।”
ऋषि को उम्मीद थी कि जावेद सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे और उन्होंने अपनी किताब में लिखा, “मुझे लगता है कि जावेद को अपने मानहानिकारक बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए या पर्याप्त सबूत देना चाहिए कि मेरे पिता का शैलेंद्र की मौत से कोई लेना-देना था।”
