‘जन सेना पार्टी’ प्रमुख व तेलुगू फिल्मों के मशहूर अभिनेता पवन कल्याण का कहना है कि उन्हें सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के लिए खड़े होना अच्छा नहीं सकता। आंध्र प्रदेश के कुरनूल में युवाओं से बातचीत में अभिनेता से नेता बने पवन ने कहा, “थियेटर्स में जब राष्ट्रगान बजता है तो मुझे खड़े होना अच्छा नहीं लगता। खाली वक्त, जैसे परिवार अैर दोस्तों संग फिल्में देखना अब किसी की देशभक्ति टेस्ट करने का तरीका बन गया है।” उन्होंने पूछा, “राजनैतिक पार्टियां अपनी बैठकों से पहले राष्ट्रगान क्यों नहीं बजातीं और सिर्फ सिनेमा हॉल्स को ही राष्ट्रगान क्यों बजाना चाहिए? देश के बड़े-बड़े सरकारी कार्यालयों में भी राष्ट्रगान होना चाहिए। जो कानून बताते हैं और उसका पालन कराते हैं, क्यों वे खुद आगे आकर मिसाल नहीं बनते?”
2016 में जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए थे कि फिल्में दिखाए जाने से पहले थियेटर्स में राष्ट्रगान चलाया जाएगा और उसके सम्मान में सबका खड़ा होना अनिवार्य होगा, जब भी पवन ने यह मुद्दा उठाया था। दिसंबर 2016 में, हैदराबाद के एक वकील ने पवन कल्याण के खिलाफ राष्ट्रगान का ‘अपमान’ करने का केस दर्ज कराया था।
कुछ दिन पहले ही पवन ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उन्हें दो साल पहले ही बताया था कि लोकसभा चुनाव 2019 से पहले जंग हो सकती है। पवन कल्याण की ‘जन सेना पार्टी’ पहली बार चुनाव लड़ रही है। लोकसभा के साथ-साथ राज्य में विधानसभा के चुनाव भी होंगे। अभी तक खुद पवन कल्याण ने भी तय नहीं किया है कि वे किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। ‘जन शक्ति पार्टी’ की सीपीआई और सीपीएम से गठबंधन की बात चल रही है, पर अभी तक किसी योजना को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
चुनाव आयोग ने लोकसभा और चार राज्यों- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा के चुनाव का कार्यक्रम घोषित दिया है। पहले चरण में 11 अप्रैल को आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्कम में लोकसभा सीटों के लिये होने वाले मतदान के साथ ही इन राज्यों की विधानसभा सीटों के लिये भी मतदान होगा।