आरती सक्सेना
उनका इतना परिचय ही काफी है कि वह दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी हैं। 2018 में ‘धड़क’ से हिंदी फिल्मों में उतरीं जाह्नवी कपूर अपनी ताजा फिल्म ‘गुंजन सक्सेना द करगिल गर्ल’ के साथ दर्शकों के सामने आ रही हैं। यह ऐसी बहादुर एअरफोर्स पायलट की कहानी है जो करगिल युद्ध में सेना की मदद करने के साथ ही घायलों को युद्धभूमि से निकाल कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाती है। कपूर इसी एअरफोर्स पायलट की जिंदगी को दर्शकों से रूबरू करवाने के लिए तैयार हैं। फिल्म का प्रीमियर 12 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर होने जा रहा है। आइए मिलते हैं जाह्नवी कपूर से।
सवाल : ‘गुंजन सक्सेना द करगिल गर्ल’ ने आपके दिल की धड़कनें बढ़ा दी होंगी?
’हां। मैं फिल्म की रिलीज को लेकर काफी उत्साहित हूं, क्योंकि मैंने इस फिल्म में एक महिला एअरफोर्स पायलट गुजंन सक्सेना का किरदार निभाया है।
सवाल : गुंजना सक्सेना का किरदार निभाना आपके लिए कितना आसान या कितना मुश्किल था ? इसकी तैयारी के लिए आपने क्या कोशिशें कीं…
’आसान तो बिल्कुल नहीं था क्योंकि मैं एक ऐसी लेफ्टिनेंट एअरफोर्स पायलट का किरदार निभाने जा रही थी, जो आत्मविश्वास से भरपूर थीं। गुंजन सक्सेना का तो सपना ही था एअरफोर्स पायलट बनना। पिता ने उनका साथ दिया। गुंजन सक्सेना ने 1999 में करगिल युध्द के दौरान सेना को न सिर्फ खाना और दवाइयों की आपूर्ति की बल्कि घायल जवानों को भी युद्धभूमि से निकाल सुरक्षित जगह पहुंचाया। जब मैं इसकी पटकथा पढ़ रही थी, तब एक ओर तो मुझे गर्व हो रहा था कि मुझे ऐसी भूमिका मिल रही है, दूसरी लग रहा था कि क्या मैं इस किरदार को ठीक तरह से कर पाऊंगी। तब मैंने गुंजन सक्सेना के घर में कुछ समय गुजारा। गुंजन और उनके पिता के साथ रही। उनकी जिंदगी के बारे में जाना। काफी समय प्लेन में भी गुजारा। कुछ हद तक प्लेन चलाने के बारे में जाना। तब जाकर कहीं मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। इसकी हर एक दिन की शूटिंग मेरे लिए यादगार है।
सवाल : आपको श्रीदेवी की बेटी होने का फायदा भी मिला, जो इंडस्ट्री से बाहर के कलाकारों को आसानी से नहीं मिल पाता…
’अगर मैं कहूं कि ये काफी हद तक सच है तो गलत नहीं होगा। मैं श्रीदेवी की बेटी हूं इसलिए मुझे अच्छे लोगों के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मैं श्रीदेवी की बेटी हंू। मगर लोग आपको आपके काम की वजह से ही पसंद करेंगे। फिलहाल मैं इन बातों पर ध्यान देने के बजाय खुद को साबित करने पर लगी हूं। मैं 24 घंटे अभिनय के बारे में ही सोचती हंू। मेरी जिंदगी का मकसद अच्छा कलाकार बनना है।
सवाल : आपने राज कुमार राव के साथ कॉमेडी-हॉरर फिल्म ‘रूही अफजाना’ में भी काम किया है। हॉरर फिल्म में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
’ हॉरर- कॉमेडी फिल्म ‘रूही अफजाना’ में काम करके मुझे बहुत मजा आया। इसकी वजह एक तो यह है कि मुझे हॉरर फिल्में पंसद है। मैं इतनी डरावनी फिल्में देखना पंसद करती हूं जिन्हें देखने के बाद मैं अकेले किचन तक पानी लेने जाने में भी डरूं। इस फिल्म में काम करने के बाद मुझे पता चला कि किस तरह साउंड और टेक्निकल इफैक्ट्स के चलते सीन को हॉरर बनाया जाता है। इस फिल्म में मेरे साथ राजकुमार राव हैं जिनकी फैन मैं तब से हूं जब मैं फिल्मों में आई भी नहीं थी।
सवाल : जोया अख्तर की घोस्ट स्टोरीज में आप नर्स बनीं हैं…
’हां, इस फिल्म में मैं समीरा नामक नर्स बनी हूं, जो एक अपाहिज औरत की देखभाल करने आती है। फिर एक रात जब वह रसोईघर में मरी पड़ी है। उसकी हैरानी तब और बढ़ जाती है जब उसे पता चलता है कि वह दो दिनों से जिस औरत की देखभाल कर रही है वह भूत थी।
सवाल : क्या आपको आलोचना से डर लगता है?
’आलोचना मुझे डराती नहीं सिखाती है। इससे आपको अपनी खूबियों और खामियों का पता चलता है।

