महेश भट्ट की ‘सारांश’ 1984 की भारतीय हिंदी ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। इसकी कहानी महेश भट्ट को गजल सम्राट जगजीत सिंह की याद दिलाती है, क्योंकि उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। उनके बेटे की गाड़ी से कुचलकर मौत हो गई थी। बेटे के शव को पाने के लिए जो कुछ जगजीत सिंह को झेलना पड़ा था, महेश भट्ट ने सालों बाद इसका खुलासा किया है।

आपको बता दें कि ‘सारांक्ष’ में अनुपम खेर और रोहिणी हट्टंगड़ी ने बुजुर्ग कपल का किरदार निभाया था, जो अपने जवान बेटे को खो देते हैं। इस फिल्म में बुढ़ापे में होने वाली एंग्जाइटी, अकेलापन, दुःख और सिस्टम में भ्रष्टाचार के बारे में दिखाया गया है।

फिल्म के 40 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम के दौरान, फिल्म निर्माता महेश भट्ट, अनुपम खेर के साथ बातचीत की। इसके बारे में भी उन्होंने बताया। भट्ट ने जगजीत सिंह के बेटे के निधन के बारे में बताया। महेश भट्ट ने कहा,”जब जगजीत सिंह के बेटे की दुखद दुर्घटना में मृत्यु हुई, तो उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें अपने बेटे का शव पाने के लिए जूनियर ऑफिसर्स को रिश्वत देनी पड़ी।” इसके बाद उन्हें ‘सारांक्ष’ का महत्व समझ आया। भट्ट ने कहा,”एक आम आदमी अपने खुद के बेटे के शव के लिए ऐसे संघर्ष करता है।”

गौरतलब है कि जगजीत सिंह और उनकी पत्नी चित्रा के इकलौते बेटे विवेक की 1990 में एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे की उम्र उस वक्त केवल 20 साल  थी। इस दौर के बाद गायक के संगीत में एक बड़ा बदलाव आया, उनकी पत्नी जो खुद एक बड़ी गायिका थीं, उन्होंने संगीत पूरी तरह से छोड़ दिया।

बात ‘संघर्ष’ की करें तो इसमें अनुपम खेर ने 28 साल की उम्र में एक 60 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था। ये फिल्म उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई।