जैकी श्रॉफ आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। हालांकि उनका शुरुआती जीवन बेहद मुश्किलों में गुजरा। तमाम धक्के खाने पड़े। परिवार में हादसा भी हुआ। जैकी श्रॉफ के पिता ज्योतिषी थे। जैकी जब छोटे थे तभी उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि एक दिन ये हीरो बनेगा। हालांकि तब लोग इस बात का मजाक बनाते थे। क्योंकि उनका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। जैकी की पढ़ाई के लिए घर के बर्तन भी बेचने पड़े थे।
‘मॉडलिंग करेगा क्या‘? : ये वो वक्त था जब जैकी श्रॉफ मुंबई में धक्के खा रहे थे। छोटा-मोटा काम कर रहे थे। ऐसे ही एक दिन वो एक बस स्टैंड पर खड़े थे। उसी वक्त एक व्यक्ति उनके पास आकर बोलता है कि मॉडलिंग करेगा क्या? यह सुनकर जैकी बोले कि ये क्या होता है। शख़्स ने कहा- कुछ नहीं, तुम्हें फोटो खिंचाना है, इसके बदले पैसे मिलेंगे। यह सुनकर जैकी श्रॉफ खुश हो गए। क्योंकि तब वो जहां काम कर रहे थे वहां से ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे।
जैकी मॉडलिंग के लिए तैयार हो गए। पहली बार उन्हें लगभग सात हजार रुपए मिले थे। उसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी और मॉडलिंग करने लगे। इसी दरम्यान धीरे-धीरे उन्हें फिल्मों में भी छोटे-मोटे रोल मिलने लगे।
जैकी श्रॉफ अब आलीशान मकान में रहते हैं। जहां ऐशो-आराम की हर सुविधाएं मौजूद हैं। हालांकि उनका बचपन चॉल के एक कमरे के मकान में गुजरा था। जहां बेसिक सुविधाएं तक नहीं थीं। जैकी श्रॉफ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बीमारी की वजह से उनकी मां का देहांत हो गया था। इतने पैसे नहीं थे कि ढंग से इलाज कराया जा सके।
बड़े भाई की भी चली गई थी जान: जैकी श्रॉफ जब दस साल के थे तभी उनके बड़े भाई का निधन हो गया था। जो उनसे सात साल बड़े थे। वो किसी को बचाने के लिए समुद्र में कूदे और डूब गए। जैकी की आंखों के सामने ही ये घटना हुई थी। इस घटना से वे सहम गए थे।
शेफ बनना चाहते थे: जैकी श्रॉफ शुरुआती दिनों में शेफ बनना चाहते थे। उन्होंने बड़े होटल में शेफ के तौर पर काम सीखना चाहा लेकिन डिग्री न होने के कारण वो ऐसा नहीं कर सके। इतना ही नहीं उन्होंने एयर इंडिया में फ्लाइट अटेंडेंट बनने की कोशिश भी की लेकिन 11वीं तक ही पढ़ाई होने के कारण इसमें भी सफल नहीं हो सके थे।
डायरेक्टर की डांट भी सुनी: जैकी श्रॉफ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो मॉडलिंग कर रहे थे तभी डायरेक्टर सुभाष घई ने उन्हें अपनी फिल्म ‘हीरो’ में लीड रोल ऑफर किया। हालांकि एक्टिंग सीखने में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
कई बार गलत सीन शूट करने पर उन्हें डांट भी पड़ती थी, लेकिन सीखने के जुनून में वो सब सहते गए। इसके बाद एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं। जैसे- हीरो, राम-लखन, परिंदा, दूध का कर्ज, सौदागर, खलनायक, बॉर्डर, बंधन, हलचल, भागम-भाग आदि।
डायरेक्टर के कहने पर बदला नाम: जैकी श्राफ ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह रेगुलर पेड़-पौधे लगाते रहते हैं। अपने ड्राइवर को गाड़ी का हॉर्न बहुत कम बजाने के लिए कहते हैं, क्योंकि इससे साउंड पॉल्यूशन होता है। आपको बता दें कि जैकी का असली नाम जयकिशन काकुभाई श्रॉफ था, लेकिन बॉलीवुड में आने के बाद एक फिल्म डायरेक्टर को इनका नाम थोड़ा पुराना और बड़ा लगा। इसके बाद उन्होंने अपना नाम जैकी श्रॉफ कर लिया। उन्हें जग्गू दादा भी कहा जाता है।