भारत का ‘चंद्रयान’ मिशन पूरा हो गया है। ‘चंद्रयान-3’ की सफलतापूर्वक लैंडिंग हो गई है। लैंडर विक्रम ने भी चंद्रमा की वॉक करनी शुरू कर दी है। इस सफल लैंडिंग के बाद दुनियाभर में भारत की तारीफ हो रही है कि कम बजट में ही इंडिया ने कमाल कर दिया है। इसी बीच ‘चंद्रयान-3’ के बजट की तुलना हॉलीवुड की सुपर ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘इंटरस्टेलर’ से की जा रही है। क्योंकि, फिल्म का बजट ‘चंद्रयान मिशन’ से कहीं ज्यादा रहा था। ऐसे में चलिए आपको मूवी से जुड़ी इंटरेस्टिंग बातें बताते हैं, जिसकी वजह से इसका वजह 175 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

हॉलीवुड फिल्ममेकर क्रिस्टोफर नोलन (Christopher Nolan) की यादगार फिल्मों में से एक ‘इंटरस्टेलर’ (Interstellar) रही है, जिसे स्पेस साइंस पर बनाया गया था। बताया जाता है कि इस मूवी में कई ऐसे सीन्स रहे हैं, जो कि रियलिस्टिक फिल्माए गए हैं। मूवी में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। यहां तक कि इसके लिए एक CGI नाम के सॉफ्टवेयर का भी निर्माण किया गया था। इसमें TARS (एक AI मशीन) का इस्तेमाल किया गया है, जो कि रियल है। चलिए बताते हैं कुछ ऐसी ही फिल्म के बारे में इंटरेस्टिंग बातें, जो फिल्म को खास और सबसे महंगी बनाती हैं…

फिल्म में सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसमें शूट किया गया एक लॉलीपॉप स्टिक्स सीन रोबोट डिजाइन पर आधारित था, जिसमें 90.72 किलो के रोबोट बने थे बिल इरविन। उन्होंने इसे अपनी आवाज दी थी और इसके मोमेंट को कंट्रोल किया था। इसके कुछ स्टंट मार्क फिचेरा ने किए थे।

सच में काम करते थे स्पेस सूट

फिल्म ‘इंटरस्टेलर’ के लिए स्पेस सूट मैरी जोफर्स ने डिजाइन किए थे। उन्होंने कई डिजाइन्स और मैटेरियल के साथ इसे बनाया था। ये एकदम रियल स्पेस सूट के जैसा ही था। जोफर्स का सूट ऑक्सीजन यूनिट्स की फंक्सनिंग पर भी काम करता था, जिसे एक्टर्स उसे पहनने के बाद आसानी से घंटों सांस ले सकते थे। इसमें गर्मी तक नहीं लगती थी। सूट में में कूलिंग ट्यूब का इस्तेमाल किया गया था, जो पानी को कैरी करता था। ये एकदम रियल स्पेस सूट के जैसा ही था। इसके वजन को लेकर बताया जाता है कि एक सूट करीब 13.5 किलो से 16 किलो का था।

डॉ Kip Thorne ने सीन को बनाया रियल

डॉ Kip Thorne ने भी फिल्म के सीन को रियल बनाने में मदद की है। हालांकि, नोलन और थोरेन के बीच काफी विवाद रहे हैं, लेकिन दोनों ने साथ में मिलकर, जितना संभव हो पाया उतना ही रियल दिखाया है। डॉ Kip Thorne, अमेरिकन थ्योरेटिकल फिजिस्ट हैं। उन्हें ग्रैविटेशनल और एस्टोरफिजिक्स में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें 2017 में फिजिक्स के लिए नोबल प्राइस भी मिल चुका है।

फिल्म के लिए बनाया गया नया CGI सॉफ्टवेयर

‘इंटरस्टेलर’ के लिए CGI सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था। इसके लिए एक नया सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया था। पॉल जे फ्रेंकलिन और उनकी टीम ने फिल्म के सीन को रियलिस्टिक बनाने और साइंटफिक फेनोमिना को दिखाने के लिए नया CGI सॉफ्टवेयर बनाया था। अगर बात की जाए तो CGI सॉफ्टवेयर की तो इसका इस्तेमाल डिजाइनिंग और एनिमेशन के लिए किया जाता है। इसमें कई इफेक्ट्स वाले सॉफ्टवेयर आते हैं।

ऐनी हैथवे को हो गया था हाइपोथेरेमिया

फिल्म में ऐनी हैथवे ने अहम भूमिका निभाई है। लेकिन क्या आपको पता है एक्ट्रेस हाइपोथेरेमिया का शिकार हो गई थीं। बताया जाता है कि जब एक आइस प्लेनेट पर फिल्म के एक सीक्वेंस की शूटिंग चल रही थी तो इस दौरान उनके जैकेट की जिप खुली रह गई थी, जिससे ठंडा पानी अंदर चला गया था और वो हाइपोथेरेमिया का शिकार हो गई थीं। हालांकि, उन्होंने समय रहते हुए डायरेक्टर नोलन को सूचित कर दिया था और ठीक थीं।

आइसलैंड में की गई थी फिल्म की शूटिंग

फिल्म ‘इंटरस्टेलर’ की शूटिंग दुनियाभर के कई लोकेशन्स पर की गई थी। इसमें Eldhraun lava, Svínafellsjökull और Mafabot आइसलैंड की साउथर्स रिजन की जगहे हैं, जहां इसकी शूटिंग की गई थी। इसके साथ ही एक लोकेशन अलबर्टा (कनाडा) की लोकेशन भी है, जहां पर मूवी के कई सीन्स को शूट किया गया है। फिल्म में स्पेस को दिखाने के लिए काफी टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। लोकेशन्स पर भी अच्छा खासा पैसा खर्च किया गया है। इतना ही नहीं, फिल्म के सीन के रियलिस्टिक दिखाने के लिए ग्राफिक्स और एनिमेशन पर काफी काम किया गया है।

आपको बता दें कि हॉलीवुड फिल्म ‘इंटरस्टेलर’ को 5 नवंबर, 2014 को रिलीज किया गया था। इसे ‘परफेक्ट ब्लाइंड ऑफ फिजिक्स’ बताया गया था। साथ ही ये मूवी बेस्ट स्टोरीटैलिंग थी। इस फिल्म ने दुनियाभर में कमाल का प्रदर्शन किया था।