मधुर भंडारकर निर्देशित फिल्म इंदु सरकार रिलीज से पहले जितनी ज्यादा चर्चा में रही, रिलीज के बाद इसका कलेक्शन उतना ही ठंडा रहा है। अनुपर खेर, कृति कुल्हरि और नील नितिन मुकेश स्टारर यह फिल्म पहले दिन महज 1 करोड़ 42 लाख रुपए की कमाई कर सकी। दूसरे दिन फिल्म ने 2 करोड़ रुपए कमाए। इसी के साथ फिल्म का दो दिन का कुल कलेक्शन 3 करोड़ 42 लाख रुपए हो गया है। देश भर में महज 283 स्क्रीन्स पर रिलीज की गई इस फिल्म की पहले दिन सिर्फ 10-15 प्रतिशत टिकटें ही बिक सकीं। कहानी की बात करें तो मधुर भंडारकर ने 1975-77 के बीच के उस कालखंड के में नई पीढ़ी को ले जाने की कोशिश की है जब इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगा दी थी।

गौरतलब है कि फिल्म की रिलीज से पहले राजनीतिक दल कांग्रेस ने इसका बहुत विरोध किया था। फिल्म पर रोक लगाने की भी मांग की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। फिल्म पर रोक लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता का कहना था कि “फिल्म मनगढ़ंत तथ्यों से भरी हुई है और ये एक प्रोपगैंडा फिल्म है।” अदालत ने ये आरोप खारिज कर दिए। संजय निरुपम और जगदीश टाइटलर जैसे कांग्रेसी नेताओं ने फिल्म पर आपत्ति जताई थी। कांग्रेसी नेता चाहते थे कि रिलीज से पहले फिल्म उन्हें दिखाई जाए लेकिन मधुर भंडारकर ने इससे इनकार कर दिया।

27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने मधुर भंडारकर की फिल्म “इंदु सरकार” के रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। फिल्म शुक्रवार (28 जुलाई) को देश के विभिन्न सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई। न्यायाधीश दीपक मिश्रा के अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि फिल्म कानूनी सीमाओं में रहकर की गई “कलात्मक अभिव्यक्ति” है और इस पर रोक लगाने की कोई वाजिब वजह नहीं है। मधुर भंडारकर के वकील ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि उन्होंने सीबीएफसी द्वारा बताए गए 14 हिस्सों को फिल्म से हटा दिया और उसके बाद उसे सेंसर सर्टिफिकेट मिल चुका है। आखिर कुछ कांग्रेसी नेता “इंदु सरकार” से क्यों डर रहे हैं?

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