सलमान खान की फिल्म ‘रेस-3’ को खुला मैदान देने की वजह से इस हफ्ते बॉलीवुड की कोई हिंदी फिल्म रिलीज नहीं हुई। इसलिए हिंदी फिल्मों के शौकीनों को इस हफ्ते ‘द इनक्रेडिबल्स 2’ के हिंदी रूपांतर से ही काम चलाना पड़ेगा। चौदह सालों बाद इनक्रेडिबल्स शृंखला की दूसरी फिल्म आई है। हिंदी रूपांतर में अभिनेत्री काजोल की आवाज है। यह सुपर हीरो पर बनी एनिमेशन फिल्म है, जिसमें कॉमिक्स और एनिमेशन का मेल हुआ है।फिल्म के चरित्र इनक्रेडिबल का नाम लाजवाब रखा गया है। हां, ये सुपरहीरो सुपरमैन की तरह इनसान नहीं है जिनमें जादुई ताकत आ जाती है, बल्कि ये एनिमेशन के माध्यम से से बने हैं इसलिए अतिरंजित होने के बावजूद मनोरंजक और विश्वसनीय होते हैं।
फिल्म में दिखाया गया है कि लोगों की मदद करनेवाले लाजवाब और दूसरे सुपरहीरो को सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। यह अदालत के आदेश से हुआ है। इसलिए लाजवाब एक घरेलू शख्स बन गया है। उसकी बीबी उसे बच्चों का खयाल रखने को कहती है। और वह रखता भी है। लेकिन अपने तरीके से जिसके कारण घर में अव्यवस्था पैदा होती है। जाहिर है ये सब हंसने-हंसाने के लिए है। फिल्म में ऐसा वक्त भी आता है जब लाजवाब को नई चुनौती मिलती है।
फिल्म में हंसी-मजाक के ऐसे कारनामे हैं जो जल्दी देखने को नहीं मिलते। जैसे एक दृश्य में एक औरत लाजवाब से कहती है कि उसकी बिल्ली को पेड़ से उतार दो, तो वह पेड़ ही गिरा देता है। इस तरह के कई और दृश्य फिल्म में है जो खूब हंसाते हैं। यहां देसी फिल्म बनाम विदेशी फिल्म का फर्क महसूस किया जा सकता है। हिंदी फिल्मों में हास्य-दृश्य लंबे होते हैं, हॉलीवुड फिल्मों में छोटे। अन्य सुपरहीरो शृंखला की तरह ‘द इनक्रेडिबल्स 2’ भी उन्नत तकनीक की फिल्म है। इस फिल्म में बच्चों की बड़ी भूमिका है और यह एक पारिवारिक फिल्म बन गई है। फिल्म में इस बात को रेखांकित किया गया है कि सुपरहीरो बनने के लिए सुपरपॉवर का होना जरूरी नही। उसके बिना भी कोई सुपरहीरो बन सकता है। यानी साधारण आदमी भी सुपरहीरो हो सकता है। यही फिल्म का संदेश है।