CineGram: मधुबाला और दिलीप कुमार के प्यार की कहानी से उनके फैंस बखूबी वाकिफ हैं। मधुबाला ने भले ही किशोर कुमार से शादी कर ली थी, लेकिन अंत समय में वो अकेली थीं और दिलीप कुमार को नहीं भुला पाई थीं। दिलीप कुमार की किताब The Substance And The Shadow: An Autobiography में इस बात का जिक्र है कि अपनी जिंदगी के आखिरी पलों में मधुबाला ने दिलीप कुमार से मिलने की इच्छा जताई थी और वो उनसे मिलने पहुंचे भी थे। मधुबाला और दिलीप कुमार की लव स्टोरी अधूरी रह गई थी और मधुबाला नहीं चाहती थीं कि कोई और मोहब्बत के दर्द को झेले। इसलिए उन्होंने मुमताज को भी सलाह दी थी कि वो कभी किसी से दिल ना लगाएं।

मुमताज ने फिल्मी बीट के साथ इंटरव्यू में मधुबाला से मिली सलाह के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मधुबाला अपनी डेथ बेड पर थीं जब उन्होंने उन्हें सलाह दी थी कि प्यार के लिए खुद को कभी न गंवाएं। मुमताज ने कहा कि ये जानते हुए कि वो बीमारी से मर रही हैं, दिलीप कुमार ने उन्हें छोड़ने का फैसला किया। हालांकि वो इसके लिए दिलीप कुमार को दोषी नहीं मानतीं।

मुमताज ने कहा, “उस बेचारी औरत की तबीयत ठीक नहीं थी और मैं यूसुफ साहब को दोष नहीं देती। वो मर रही थी, ऐसा कुछ भी नहीं था जो वो कर सकते थे। वो बहुत, बहुत बीमार थी और उसके दिल की बीमारी का कोई वास्तविक इलाज नहीं था।” ये पूछे जाने पर कि क्या मधुबाला ने कभी उन्हें कोई सलाह दी थी जो उन्हें आज भी याद है, मुमताज ने कहा, “मैं बहुत छोटी थी, लेकिन मुझे याद है कि उन्होंने मुझसे कहा था, ‘जिंदगी में सबसे बुरी चीज जो होती है, मोहब्बत होती है। किसी से प्यार मत करना। करो, मगर इतना ना करो के बेचैन हो जाओ।”

बच्चे के लिए दिलीप कुमार ने तोड़ा था रिश्ता?

विक्की लालवानी के साथ एक पुराने इंटरव्यू में, मुमताज ने कहा था कि दिलीप कुमार ने मधुबाला को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वो मां नहीं बन सकती थीं। “उसने उनसे रिश्ता नहीं तोड़ा। उन्होंने उससे इसलिए रिश्ता तोड़ा क्योंकि वो बच्चे पैदा नहीं कर सकती थी। इसके बजाय, उसने सायरा बानो से शादी की, जो एक बहुत अच्छी इंसान हैं। उसने उनकी मरते दम तक उनका बहुत ख्याल रखा। वो उनकी सच्ची थीं। उनकी उम्र में बहुत अंतर था, लेकिन जब आप प्यार में होते हैं तो ये चीजें मायने नहीं रखतीं।” पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

उन्होंने आखिरकार सायरा बानो से शादी कर ली और शादी के कुछ समय बाद उन्हें मधुबाला का फोन आया और उन्होंने उनसे मिलने के लिए कहा। अपनी किताब में दिलीप कुमार ने मधुबाला से मिलने की अनुमति देने के लिए सायरा की तारीफ की थी। उन्होंने लिखा, “ब मैं मधु के घर गया तो मुझे यह देखकर दुख हुआ कि वह बहुत कमजोर लग रही थी। उसके चेहरे का पीलापन न केवल उसके खराब स्वास्थ्य के बारे में बता रहा था, बल्कि उसकी खूबसूरत मुस्कान भी एक प्रयास की तरह लग रही थी। वो मुझे देखकर खुश हुई और बोली, ‘हमारे शहजादे को उनकी शहजादी मिल गई है, मैं बहुत खुश हूं!” पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…