देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (मंगलवार को) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की खूब तारीफ की। टीवी डिबेट्स में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम पर खूब चर्चा हो रही है। कल डीएनए में सुधीर चौधरी ने भी इसका विश्लेषण किया।
डीएनए में सुधीर चौधरी बोले,’एएमयू जैसे संस्थानों को अब एक नई शुरुआत करनी होगी। अब उन्हें अपनी सॉफ्ट पावर का प्रयोग राष्ट्रहित में करना होगा, बाहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को चमकाने के लिए करना होगा। भारत के अल्पसंख्यक भारत की ताकत हैं और हमें इसे पहचानने की बहुत सख्त जरूरत है। पूरी दुनिया में इंडोनेशिया के बाद भारत में मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है। मुस्लिम आबादी के हिसाब से हम दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं, ये 20 करोड़ मुसलमान भारत के असली सॉफ्ट पावर हैं।’
सुधीर चौधरी आगे बोले,’ लेकिन भारत अभी तक अपनी इस सॉफ्ट पावर को ठीक से पहचानने में भी सफल नहीं रहा है। भारत में इतनी बड़ी संख्या में मुसलमानों के होने के बाद होना तो ये चाहिए था कि इस्लामिक देशों के बीच भारत का कद और बड़ा होता और मजबूत होता, भारत इस्लामिक देशों के बीच अपनी बात मजबूती से रख पाता। इस्लामिक देशों में भारत को एक बड़े नेता के रूप में देखा जाता।’
सुधीर चौधरी बोले,’लेकिन इसके बावजूद भारत इन देशों के बीच हमेशा आपको बैकफुट पर दिखाई देता है, जहां भारत को स्टेकहोल्डर होना चाहिए था, वहां हम अक्सर अपने ऊपर लग रहे आरोपों का जवाब देते रहते हैं। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन जैसे संगठनों में भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाते हैं और कहा जाता है कि भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर देश के मुसलमानों का ख्याल नहीं रखा, ये एक नैरेटिव है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जा रहा है।’
सुधीर चौधरी के इस विश्लेषण पर यूजर्स की तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। एक यूजर ने लिखा है,’ अलग यूनिवर्सिटी क्यों, क्या वो कॉमन यूनिवर्सिटी में नहीं पढ़ सकते। नरेंद्र मोदी से बेहद निराश हूं वो नेहरू के रास्ते पर जा रहे हैं।’