नए कृषि बिलों का विरोध कर रहे किसानों ने आज सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसान संगठनों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि अब किसान आंदोलन और तेज होगा। इसके साथ ही किसान आंदोलन के नेताओं ने अडानी-अंबानी के बहिष्कार की बात भी कही है।
आजतक के डिबेट शो ‘हल्ला बोल’ में भी किसान आंदोलन पर ही डिबेट थी। डिबेट में कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से बोले,’हमारे समय में अडानी-अंबानी हाथ जोड़े हमारे पीएम के आगे खड़े रहते थे और आपके समय आपके पीएम की पीठ पर हाथ रखे खड़े रहते हैं, ये फर्क है।’
डिबेट में अखिलेश प्रताप सिंह आगे बोले,’इतनी हठधर्मिता क्यों कर रहे हैं आप। किसान आपके हैं, ये देश किसानों का है। इस बिल को निरस्त करिए, किसानों की दुआएं लीजिए, वाहवाही लीजिए,नया बिल लाईये। सरकार को इतना अहंकार नहीं करना चाहिए। बात करिए लोगों से, आप अगर किसानों का भला चाहते हैं तो यह करिए, नहीं तो अगर सेठों का भला चाहते हो तो आप अपने अहंकार, अपने घमंड और अपने तेज में पड़े रहिए कि हम जो हैं सत्ता हैं।’ अखिलेश प्रताप सिंह आगे बोले,’भईया,सत्ता हो सल्तनत नहीं हो। सत्ता बदल देती है जनता पांच साल में।’
अखिलेश प्रताप सिंह को जवाब देते हुए सुधांशु त्रिवेदी बोले,’पूरी दुनिया में फूड प्रोसेसिंग में सबसे बड़ी कंपनी है पेप्सी। अगर उसको अपने राज्य में लाकर स्थापित करके सीधे किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करवाया है तो पंजाब में और अभी पिछले साल मार्च 2019 में।’
भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी आगे बोले,’इन्होंने अंबानी-अडानी की बात कही, तो मैं याद दिलाना चाहता हूं अडानी को 7 राज्यों में एफसीआई की प्रीक्योरमेंट के लिए 2007 से 15 साल का कान्ट्रेक्ट,2005-06 में यूपीए सरकार ने किया जिसमें 12 प्रतिशत का इंश्योर रिटर्न था यानी वार्षिक 12 प्रतिशत का उनको फायदा होगा ही होगा उसके लिए एफसीआई का प्रीक्योरमेंट कौन करेगा अडानी।सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,’और ये तो ऐसे बोलते हैं जैसे 2014 से पहले अडानी अंबानी खोमचा लगाने वाले थे और अब तो अरबपति हो गए। अरबपति-खरबपति आपके जमाने में बने।’