दिवंगत बिजनेसमैन संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उनकी पूर्व पत्नी और एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के बच्चे गलत स्पेलिंग या पते के फर्जी आधार पर उनकी वसीयत को चुनौती नहीं दे सकते। प्रिया के वकील ने अदालत को बताया कि वसीयत को चुनौती देने का एकमात्र मकसद ये बताना है कि मृतक का मानसिक संतुलन ठीक न हो, या उस पर कोई दबाव हो या वो वसीयत को पूरा करने में असमर्थ हो।

वकील ने ये दलील संजय कपूर के सौतेले बच्चों द्वारा दायर एक याचिका के दौरान दी, जिसमें उनके पिता की कथित तौर पर 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की वसीयत को चुनौती दी गई है। अभिनेत्री के बच्चों ने प्रिया कपूर, उनके बेटे, मृतक की मां रानी कपूर और 21 मार्च, 2025 की वसीयत की कथित निष्पादक श्रद्धा सूरी मारवाह के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
 
प्रिया के वकील राजीव नायर ने दावा किया कि करिश्मा के बच्चे समायरा और कियान राज की पूरी याचिका में कोई वाद-कारण नहीं था और वसीयत को कोई चुनौती नहीं दी गई थी। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, वकील ने कहा, “मैंने 30 जुलाई को वसीयत का खुलासा किया था। वादी को दो मौके दिए गए थे। वसीयत पढ़ी गई थी। इसे वादी समेत सभी को पढ़कर सुनाया गया था। सभी जानते थे कि संजय कपूर की वसीयत मौजूद है।”

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उन्होंने आगे कहा, “क्या किसी ने हस्ताक्षरों पर आपत्ति जताई है? बस इतना कहा गया है कि वो ऐसा नहीं कर सकते थे। हमें बस ये देखना है कि क्या वसीयत किसी स्वस्थ दिमाग वाले व्यक्ति ने दो गवाहों की मौजूदगी में तैयार की थी। चुनौती इसलिए है क्योंकि वसीयत देर से दी गई थी। या वो इसे लागू नहीं कर सकते थे। वसीयत के क्रियान्वयन को कोई चुनौती नहीं है।”

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उन्होंने दावा किया कि एक कहानी गढ़ी जा रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि ‘संजय और करिश्मा के बीच सब कुछ ठीक था’। उन्होंने पूछा, “अगर ऐसा होता, तो क्या कोई और पत्नी होती?”