बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस दीया मिर्जा को भारत की ओर से सयुंक्त राष्ट्र पर्यावरण सदभावना दूत नियुक्त किया गया है। दीया मिर्जा का कहना है कि वह पीरियड्स में सैनिटरी नैपकिन्स का इस्तेमाल नहीं करती। ये बात दीया ने सदभावना दूत नियुक्त किए जाने के बाद एक इंटरव्यू में कही। इस इंटरव्यू में दीया ने यह भी बताया कि वह उन सभी चीजों का इस्तेमाल करना बंद कर चुकी हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। दीया के अनुसार वैसे तो सैनिटरी नैपकिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण चीज है लेकिन ये पर्यावरण को बेहद तेजी से प्रदूषित कर रहा है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए ही दिया मिर्जा ने सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल बंद कर दिया है।

नवभारत टाइम्स को दिये इंटरव्यू में दीया मिर्जा ने बताया कि, ‘हमारे देश में महिलाओं के लिए उपलब्ध सैनिटरी नैपकीन और डाइपर बहुत बड़े पैमाने पर पर्यावरण और वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं इसलिए मैं अपने मासिक धर्म के दिनों में सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना बंद कर चुकी हूं। एक ऐक्टर होने के नाते मेरा यह कहना बहुत बड़ी बात है क्योंकि हम सैनिटरी नैपकिन का प्रचार भी करते हैं। मुझे जब भी कभी सैनिटरी नैपकिन के प्रचार के लिए कोई ऑफर आता भी है तो मैं साफ इनकार कर देती हूं।’

दिया ने आगे कहा, ‘अब मैंने सैनिटरी नैपकिन की जगह 100 प्रतिशत प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाले बायोडिग्रेडबल नैपकिन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। हमारे देश में सदियों से महिलाएं मासिक धर्म के दिनों में कॉटन का उपयोग करती थीं, लेकिन अब नई तकनीक की वजह से ऐसी चीजें आ गई हैं जो पर्यावरण को किसी भी तरह का कोई नुकसान न पहुंचाए। मैं तमाम लोगों को कहूंगी कि वह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सेहद और वातावरण के लिए सुरक्षित बायोडिग्रेडबल नैपकिन का इस्तेमाल करना शुरू करें।’