Happy Birthday Ashutosh Rana Career: आशुतोष राणा बॉलीवुड की ऐसी शख्सियत हैं, जो एक्टर ही नहीं बल्कि साहित्य और भाषा की भी अच्छी जानकारी रखते हैं। फिल्मों में आने से पहले वो एक थिएटर आर्टिस्ट भी रहे हैं। आशुतोष का नाम इंडस्ट्री के मंझे हुए कलाकारों की लिस्ट में गिना जाता है। वो एक उम्दा कवि और लेखक भी हैं। एक्टर के बारे में ये सारी बातें उनके जन्मदिन के मौके पर कर रहे हैं। वो आज अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। आशुतोष राणा का जन्म 10 नवंबर, 1967 को मध्य प्रदेश में हुआ था। ऐसे में चलिए उनके बारे में दिलचस्प किस्सा बताते हैं, जब वो एक्टिंग में नहीं आना चाहते थे और उनकी मार्कशीट बैंड-बाजे के साथ घर लाई गई थी।
मध्य प्रदेश में जन्मे आशुतोष राणा ने बॉलीवुड में खलनायिकी से लेकर सपोर्टिंग रोल तक में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। उन्होंने खतरनाक विलेन की भूमिका निभाकर पर्दे पर अभिनय की अलग छाप छोड़ी है। इसमें ‘संघर्ष’ और ‘दुश्मन’ जैसी फिल्में शामिल हैं, जिसके जरिए उन्होंने विलेन को रोल प्ले किया और पर्दे पर कमाल ही कर दिया है। इन फिल्मो के बाद उनका करियर भी चल पड़ा था लेकिन, एक्टर के बारे में इस बात को बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि वो कभी फिल्मों में नहीं आना चाहते थे बल्कि एक नेता बनना चाहते थे।
नेता बनना चाहते थे आशुतोष राणा
आशुतोष राणा ने इसके बारे खुद एक इंटरव्यू में बताया था। उन्होंने कहा था कि वो सागर यूनिवर्सिटी में इसलिए पढ़ने गए थे ताकि स्टूडेंट पॉलिटिक्स कर सकें। लेकिन, किस्मत और उनके गुरुदेव को कुछ और ही मंजूर था। उनके गुरुदेव ने उनसे कहा कि वो इसके लिए नहीं बने हैं और उन्होंने भी उनकी बात मान ली। फिर वो कॉलेज के दिनों से ही थिएटर करने लगे थे और एक मंझे हुए कलाकार के रूप में ऊभरे। इसके बाद आज वो अच्छे मुकाम पर हैं। एक्टर ने ना केवल हिंदी बल्कि साउथ में भी अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है।
बैंड बाजे के साथ घर लाई गई थी मार्कशीट
आशुतोष राणा ने इसी इंटरव्यू में मजेदार किस्सा सुनाया था कि वो जब ग्यारहवीं में थे तो उनकी मार्कशूट को ट्रॉली में रखकर घर तक लाई गई थी। इस किस्से को लेकर एक्टर ने बताया था कि वो जब स्कूल में थे तो नेतागिरी करते थे। लोगों को लगने लगा था कि वो तो नेतागिरी करते हैं तो किसी भी कीमत पर पास नहीं हो पाएंगे। उन दिनों एग्जाम काफी कठिन हुआ करते थे। हालाकि, जब रिजल्ट आया तो वो फर्स्ट डिवीजन के साथ पास हुए। इस पर किसी को भी विश्वास नहीं हुआ था।
आशुतोष राणा आगे बताया था कि उन दिनों रिजल्ट जिले में मिलते थे। उनकी मार्कशीट भी जिले नरसिंहपुर से ट्रेन के जरिए स्टेशन पर लाई गई। स्टेशन से फिर उसे एक ट्रॉली में रखा गया और वहां से उसे बैंड बाजों के साथ नगर में उनके घर तक लाया गया था।
अगर आशुतोष राणा की प्रोफेशनल लाइफ की बात की जाए तो वो आखिरी बार फिल्म ‘भीड़’ और ‘पठान’ जैसी फिल्मों में देखा गया था। वहीं, उनकी आने वाली फिल्मों में ‘टाइगर 3’ जैसी मूवी शामिल है।