भारतीय सिनेमा में गुरु दत्त का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उनका सिनेमा जितना खूबसूरत रहा, निजी जिंदगी में उन्हें उतनी खुशी नसीब नहीं हुई। पत्नी गीता दत्त और बेटी से दूरी, वहीदा रहमान से जुदाई…इन सभी वजहों से गुरु दत्त आखिरी वक्त में काफी टूट गए थे। गुरु दत्त  10 अक्टूबर 1964 को अपने घर में मृत पाए गए थे। जब उनके दोस्त अबरार उनके घर पहुंचे तब उन्होंने गुरु के मृत शरीर को देखकर कहा  था कि गुरु दत्त ने अपने आप को मार डाला।

अबरार ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि गुरु दत्त अक्सर उनसे मरने के तरीकों पर बात करते थे। उन्होंने कहा था कि गुरु दत्त से वो ऐसी बातें मजाक में कर लेते थे, उन्हें इस बात का बिलकुल अंदाजा नहीं था कि गुरु दत्त उन तरीकों को खुद पर ही आजमा लेंगे।

अबरार ने बताया था कि गुरु दत्त उनसे कहते थे, ‘नींद की गोलियों को उस तरह लेना चाहिए जैसे मां अपने बच्चे को गोलियां खिलाती है..पीस कर और फिर उसे पानी में घोलकर पी जाना चाहिए।’

अबरार गुरु दत्त से उनके मरने से कुछ समय पहले ही रात 1 बजे खाने पर मिले थे। लेकिन दिन में उन्हें फोन आया कि गुरु दत्त की तबियत खराब है। जब वो घर पहुंचे तो देखा कि गुरु दत्त बेड पर लेटे थे और उनकी टेबल पर एक गिलास रखा था जिसमें गुलाबी रंग का पानी बचा हुआ था।

गुरु दत्त को गीता दत्त से प्यार तब हुआ जब वो संघर्ष कर रहे थे जबकि गीता दत्त स्थापित अभिनेत्री बन चुकीं थीं। दोनों की शादी में दरार तब आनी शुरू हुई जब गुरु दत्त वहीदा रहमान के करीब आने लगे। गुरु दत्त और वहीदा रहमान ने साथ में कई फिल्में की और दोनों की ऑनस्क्रीन जोड़ी लोगों को खूब पसंद आई।

गुरु दत्त-वहीदा रहमान के रिश्तों से नाराज़ गीता दत्त उनसे दूर होतीं चलीं गईं। वो अपने बच्चों को भी गुरु दत्त से मिलने नहीं देती थीं। इधर वहीदा रहमान का परिवार दोनों के रिश्ते के खिलाफ था क्योंकि दोनों का धर्म अलग था। गुरु दत्त इन सभी बातों से बेहद परेशान रहते थे और एक दिन उनके मरने की खबर आई जिसने सबको चौंका दिया था।